ट्रैक बदल रहे स्टूडेंट्स, फिर खाली रह सकती है इंजीनियरिंग-फार्मेसी की सीटें

Track changing students, engineering-pharmacy seats may remain empty
ट्रैक बदल रहे स्टूडेंट्स, फिर खाली रह सकती है इंजीनियरिंग-फार्मेसी की सीटें
ट्रैक बदल रहे स्टूडेंट्स, फिर खाली रह सकती है इंजीनियरिंग-फार्मेसी की सीटें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एमएचसीईटी के परिणाम जारी होने के बाद जल्द ही इंजीनियरिंग, फार्मेसी व अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश शुरू होंगे। हर वर्ष के ट्रेंड के मुताबिक इस बार भी बीए, बी.कॉम, बीएससी जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले चुके अनेक विद्यार्थी अपने मौजूदा प्रवेश को बाय-बाय कह कर उक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेंगे। इसका नतीजा होगा कि पारंपरिक कॉलेजों में अनेक सीटें खाली हो जाएंगी। लेकिन नियमानुसार इन पर अब कॉलेज प्रवेश नहीं दे सकेंगे। ऐसे में साल भर ये सीटें खाली ही रहेंगी। यूनिवर्सिटी ने इन कॉलेजों को सिर्फ 31 अक्टूबर तक ही विद्यार्थियों को प्रवेश देने की अनुमति दी थी।  इस बार सीईटी का बेहतर रिजल्ट आने से ट्रैक बदलने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने का अंंदेशा भी कॉलेजों को है।

अच्छे कॉलेजों को प्राथमिकता
उल्लेखनीय है कि  पारंपरिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू होती है, सीईटी के नतीजे जारी होने के बाद व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होती है। ऐसे में अनेक विद्यार्थी पारंपरिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले लेते हैं। इसके बाद सेंट्रलाइज प्रवेश प्रक्रिया में भी हिस्सा लेते हैं। अच्छा कॉलेज मिलने पर मौजूदा प्रवेश रद्द करके वहां चले जाते हैं, जिससे पारंपरिक कॉलेजों में सीट रिक्त हो जाती है।  

इसलिए सीटें भर गईं
यूनिवर्सिटी द्वारा पारंपरिक पाठ्यक्रमों के निर्धारित कॉमन एडमिशन शेड्यूल के अनुसार 28 अगस्त तक प्रवेश हुए। इसके बाद खाली सीटों पर कॉलेज में स्पॉट एडमिशन दिए गए। इस बार अधिकांश नामी कॉलेजों में सीटें जल्दी भर गईं हैं। कम प्रसिद्ध कॉलेजों में सीटें खाली रहीं। अंग्रेजी मीडियम के पाठ्यक्रमों को सर्वाधिक प्रतिसाद मिला तो सबसे कम रुचि मराठी माध्यम के पाठ्यक्रमों में देखी गई। अब 28 नवंबर को सीईटी के नतीजे आए हैं। जल्द ही व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। 

Created On :   2 Dec 2020 7:15 AM GMT

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