राजनीति नहीं हिंदुत्व के लिए उद्धव की जरूरत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि भाजपा को शिवसेना (उद्धव गुट) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की राजनीतिक रूप से आवश्यकता नहीं है। लेकिन, भाजपा को हिंदुत्व और विकास के मुद्दे को लेकर उद्धव की जरूरत है। इसके लिए पहले उद्धव को उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फडतूस (बेकार) वाले बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए। फडणवीस बड़े दिल के व्यक्ति हैं, वे उद्धव को माफ कर देंगे।
पाटील ने कहा कि उद्धव दोबारा भाजपा से गठबंधन करें यह हमारी राजनीतिक आवश्यकता नहीं है। उद्धव को साथ लाना भाजपा के लिए मजबूरी नहीं है। लेकिन यह हिंदुत्व और विकास की आवश्यकता है। पाटील ने कहा कि मुझे लगता है कि उद्धव को हिंदुत्व और विकास के मुद्दे पर फिर से भाजपा के साथ आना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि उद्धव को साथ लाना भाजपा की मजबूरी है। भाजपा राज्य में अपने बल पर सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल कर सकती है। पाटील ने कहा कि राजनीति में अड़ियल रवैया रखने से व्यक्तिगत, पार्टी और समाज का फायदा नहीं होता है। इसलिए राजनीति में लचर रहना पड़ता है। उद्धव यदि फडणवीस को "फडतूस' गृह मंत्री कहने वाले बयान पर माफी मांगते हैं तो फडणवीस का दिल बड़ा है। वे उद्धव को माफ कर देंगे। यदि उद्धव माफी मांगते हैं तो फडणवीस ऐसा नहीं कहेंगे कि आपके लिए मेरा दरवाजा बंद हो गया है।
भविष्य में सहन नहीं करेंगे उद्धव की आपत्तिजनक बयानबाजी
पाटील ने कहा कि भविष्य में उद्धव फडणवीस के खिलाफ कुछ भी बोलेंगे तो हम उसको सहन नहीं करेंगे।
छोटा भाई समझ कर उद्धव को माफ कर दें पीएम मोदीः केसरकर
शिवसेना (शिंदे) के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा है कि भाजपा के साथ दोबारा आने के बारे में खुद उद्धव ठाकरे को फैसला लेना पड़ेगा। यह भी सवाल है कि माफी कौन किससे मांगेगा। आखिर बड़ा भाई ही छोटे भाई को माफ करता है। प्रधानमंत्री को उद्धव को छोटा भाई समझकर माफ कर देना चाहिए। महाविकास आघाड़ी सरकार के समय उद्धव ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा भाजपा के साथ आने का आश्वासन दिया था। लेकिन बाद में उद्धव ने मोदी का अपमान किया है। इस कारण अब भाजपा से दोबारा रिश्ते जोड़ने के बारे में उद्धव को ही फैसला लेना होगा इस बीच केसरकर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उद्धव ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया था। लेकिन राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने उद्धव पर दबाव डाला था। इस कारण उद्धव साल 2019 में मुख्यमंत्री बने थे। यदि उद्धव की बात मानी गई होती तो तत्कालीन महाविकास आघाड़ी में शिंदे मुख्यमंत्री बनते हैं। लेकिन अब शिंदे मुख्यमंत्री हैं। एक तरीके से राज्य में उद्धव के मन के ही मुख्यमंत्री हैं।
"हम सत्ता के लिए लाचार नहीं हैं जो भाजपा के साथ दोबारा जाएंगे। हम भाजपा के जख्म को भूले नहीं हैं।'
अरविंद सावंत, सांसद (उद्धव गुट)
Created On :   8 April 2023 2:23 PM IST