प्रदेश ने तैयार किया एक सींग वाले गैंडों के लिए नया घर

UP has prepared a new home for one horned rhinoceros
प्रदेश ने तैयार किया एक सींग वाले गैंडों के लिए नया घर
उत्तर प्रदेश प्रदेश ने तैयार किया एक सींग वाले गैंडों के लिए नया घर

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भारत-नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के बहराइच में कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी में जल्द ही एक सींग वाले गैंडों के लिए एक नया घर विकसित किया जाएगा।

दुधवा टाइगर रिजर्व में दो गैंडों के बाड़े हैं और तीसरा कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी में आएगा।

राज्य सरकार ने गैंडों के पुनर्वास के लिए एक कार्य योजना तैयार की है और उनके संरक्षण के लिए 1.4 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है।

सरकार की पहली समर्पित कार्य योजना राज्य में गैंडों के पुनर्वास क्षेत्र का विस्तार करेगी, जिनकी संख्या 1984-85 में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में फिर से पेश किए जाने के बाद से काफी बढ़ गई है।

दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशक संजय पाठक ने कहा, हम राज्य के संरक्षित क्षेत्रों में उनके आवास का विस्तार करने, नई ब्लडलाइन को पेश करने और मौजूदा आवास और आबादी के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगे। योजना 2030 तक चरणों में लागू की जाएगी।

कतर्नियाघाट सेंचुरी में 55 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सुरक्षा ऑडिट भी किया जाएगा, जिसे तीसरे गैंडे पुनर्वास क्षेत्र (आरआरए-3) के रूप में विकसित किया जाना है।

इसमें कतर्नियाघाट सेंचुरी ट्रांस-गेरुआ हिस्सा और महाराजगंज जिले में सोहागीबरवा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के कुछ हिस्से शामिल होंगे, जो बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के करीब हैं।

पाठक ने कहा, हमने पीलीभीत रिजर्व के महोफ रेंज में भी एक स्थान की पहचान की है। इसे बाद में ऑडिट के लिए लिया जाएगा।

कतर्नियाघाट सेंचुरी में गैंडों के लिए आवश्यक पर्याप्त जल निकाय, घास के मैदान और वनस्पति हैं।

नए क्षेत्र में इसमें पेश किए गए मौजूदा बाड़ों और नई ब्लडलाइन से कुछ गैंडे हो सकते हैं।

पाठक ने कहा, हमने बंगाल और असम के वन विभागों को एक सींग वाले जानवर की नई ब्लडलाइन की तलाश करने के लिए लिखा है।

इसके अलावा, मौजूदा बाड़ों से लगभग छह गैंडों को रेडियो कॉलर से मुक्त किया जाएगा।

हाल ही में दो बाड़ों के अंदर किए गए सर्वे में लगभग 40 गैंडों की उपस्थिति दिखाई गई है।

(आईएएनएस)

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Created On :   16 Sept 2022 10:00 AM IST

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