प्लाट क्रेताओं में मचा हडकम्प, मंत्री को सौंपा पत्र

कलेक्टर पन्ना द्वारा जमीन को शासकीय दर्ज किए जाने और इसके साथ ही विक्रेता पर हुई एफआईआर की जानकारी सामने आने के बाद जिन लोगों द्वारा प्लाट खरीदे गए थे तथा उस पर लाखों रूपए खर्च करने के बाद मकानों का निर्माण कार्य करवाया गया था तथा भूखण्डों का उनके नाम पर नामांतरण भी हुआ था उन सभी में हडकम्प मचा हुआ है। लगभग ७५ से अधिक प्लाट क्रेताओं की मुसीबतें इससे बढ गईं हैं। पूरे मामले को लेकर कई प्लाट खरीदने वाले क्रेता आज मध्य प्रदेश शासन के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह से मिले तथा उन्हें पत्र सौंपा गया। जिसमें बताया गया कि ग्राम जनकपुर के आराजी खसरा क्रमांक ७७ जोकि ग्राम पंचायत पुरूषोत्तमपुर के अंदर स्थित है। आराजी के अंश भाग को ७५ निवेशकों द्वारा मकान बनाने हेतु दस साल पूर्व क्रय किया गया था। इस भूमि का शासन द्वारा डायवर्सन किया गया तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। इसके साथ कालोनाईजर एक्ट के साथ मंजूरी भी प्रदान की गई। जिसके पश्चात उन्होंने क्रय किए गए प्लाट पर मकान का निर्माण किया गया है तथा कई क्रेताओं द्वारा बैंक से होम लोन भी लिया गया है। मकान निर्माण के पश्चात कलेक्टर पन्ना द्वारा प्रकरण में दिनांक १४ दिसम्बर २०२२ को हम संबधित पक्षकारों को सुने बिना एक पक्षीय आदेश पारित करते हुए क्रय किए गए प्लाट एवं उस पर निर्मित मकानों को शासकीय घोषित कर दिया गया है। प्लाट क्रेताओं द्वारा प्लाट एवं मकानों को उनकी भूमि स्वत्व पर शासकीय अभिलेख में दर्ज कराये जाने के लिए कार्यवाही की मांग मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह से की गई है।
Created On :   18 Jan 2023 3:34 PM IST