बाल मृत्यु और कुपोषण रोकने का टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। टीकाकरण बाल मृत्यु एवं कुपोषण रोकने का सबसे प्रभावी साधन है। सभी बीमारियों से लड़ने के लिए बच्चों का जन्म से ही अलग-अलग आयु वर्ग में टीकाकरण किया गया तो उनकी रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग को जिले के हर गांव में टीकाकरण शिविर का आयोजन करना चाहिए। कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे इस बात का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। उक्ताशय के उद्गार जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे ने नियमित टीकाकरण एवं रूबेला टीकाकरण की जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में व्यक्त किए। यह बैठक जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में नियमित टीकाकरण एवं गोवर रूबेला टीकाकरण के विषय में जिला माता व बाल संगोपन अधिकारी तथा अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी दिनेश सुतार ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रसूति के बाद 24 घंटे के अंदर बच्चे को हिपेटाइिटस बी का टीका दिया जाना आवश्यक है।
जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रसूति के बाद बच्चों को यह टीका दिया जाता है। लेकिन निजी अस्पतालों में इसका प्रमाण कम है, जो बढ़ाने की आवश्यकता है। उसी प्रकार जिले में खसरा का संक्रमण नहीं है फिर भी प्रतिबंधात्मक उपाय योजना के दृष्टिकोन से खसरा के टीके से वंचित बच्चों के लिए टीकाकरण का चौथा चरण 4 से 10 अप्रैल के बीच अभियान के रूप में चलाया जाएगा। इस जिलास्तरीय बैठक में नागपुर विभाग के गोंदिया जिला नोडल अधिकारी डा. गोगुलवार, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. नितीन वानखेड़े, शल्य चिकित्सक डा. अमरीश मोहबे, जिला मलेरिया अधिकारी डा. वेदप्रकाश चौरागडे, जिला क्षयरोग अधिकारी डा. नितीन कापसे, सहायक संचालक कुष्ठरोग डा. रोशन राऊत, नप मुख्याधिकारी करण चव्हाण, निवासी चिकित्सा अधिकारी डा. डी.बी. जायस्वाल, आईएमए के सचिव डा. संजय माहुले, उपशिक्षाधिकारी प्राथमिक अनिल चव्हाण, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के दिनेश लबडे सहित सभी तहसील स्वास्थ्य अधिकारी एवं ग्रामीण अस्पतालों के अधिक्षक चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।
Created On :   7 April 2023 7:36 PM IST