सोशल मीडिया से अभद्र कंटेंट होंगे डिलीट : हाईकोर्ट

vulgar content should be deleted from social media  :High Court
सोशल मीडिया से अभद्र कंटेंट होंगे डिलीट : हाईकोर्ट
सोशल मीडिया से अभद्र कंटेंट होंगे डिलीट : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क,नागपुर । न्यायपालिका और जजों को लेकर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर चलने वाले अभद्र कमेंट्स पर हाईकोर्ट ने आपत्तिजनक ब्लाग व पेज डिलीट करने के लिए कहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने गुगल, फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब समेत तमाम सोशल नेटवर्किंग साइट्स को इस तरह के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने साइबर क्राइम विभाग से दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए हैं।

ये है मामला
दरअसल, हाईकोर्ट ने फर्जी फेसबुक पेज बनाने वाले आकाश शाह और अपने ब्लॉग में जजों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले आई.के.चौगुनी को अवमानना का आरोपी मानकर स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में शाह, चौगुनी, गुगल, फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब, साइबर सेल, केंद्रीय गृह मंत्रालय, आईटी मंत्रालय समेत अन्य को प्रतिवादी बनाया गया था।  कोर्ट ने अपने निरीक्षण में कहा कि सोशल मीडिया पर न्यायपालिका के खिलाफ कोई भी अभद्र टिप्पणी सहन नहीं की जा सकती। कोर्ट ने यह सारी सामग्री इंटरनेट से डिलीट करने को कहा।

व्यंग्य के नाम पर भद्दे पोस्ट
दरअसल, बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने फेसबुक पर बने एक पेज को अपमानजनक पाया था। आकाश शाह नामक युवक ने फेसबुक पर बाम्बे हाईकोर्ट का पैरोडी पेज बनाया है, जिस पर व्यंग्य के नाम पर भद्दे पोस्ट किए जा रहे थे। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने इसे अवमानना मानकर स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। मामले में न्यायालयीन मित्र अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने कोर्ट में दलील दी थी कि "प्रिवेंशन ऑफ नेशनल एम्ब्लम एंड नेम एक्ट-1958" के अनुसार देश की संसद, विधानसभा, सर्वोच्च न्यायालय और हाईकोर्ट के नाम और लोगो का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति निजी उद्देश्य से नहीं कर सकता। इसी तरह आई.के.चौगुनी ने भी अपने ब्लाग में जजों पर टिप्पणी की है। अधिवक्ता भंडारकर ने सोशल मीडिया पर हाईकोर्ट की छवि धूमिल करने वाले यूजर्स और वेबसाइट्स प्रबंधन पर कोर्ट की अवमानना अधिनियम- 1971 के तहत सजा देने की प्रार्थना की थी। साथ ही सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग के लिए भी दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की गई थी। 

Created On :   28 March 2018 6:05 AM GMT

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