श्रमिक दिवस पर व्यथित हैं श्रमिक, लॉकडाउन में भूख-प्यास से व्याकुल 70 हजार मजदूर

Workers are distressed on Labor Day, 70 thousand workers distraught with hunger and thirst in lockdown
श्रमिक दिवस पर व्यथित हैं श्रमिक, लॉकडाउन में भूख-प्यास से व्याकुल 70 हजार मजदूर
श्रमिक दिवस पर व्यथित हैं श्रमिक, लॉकडाउन में भूख-प्यास से व्याकुल 70 हजार मजदूर

डिजिटल डेस्क, नागपुर । 24 मार्च के बाद से नागपुर सहित देशभर में लॉकडाउन के कारण उद्योग-कारखाने सहित सभी तरह के काम बंद पड़े हैं। लॉकडाउन के कारण जो मजदूर जहां था, वहीं ठिठक गया है। कुछ मजदूर पैदल ही अपने-अपने गांव और प्रदेशों की ओर निकले थे, लेकिन सरकार ने इन सभी मजदूरों को रोककर उन्हें संबंधित जगहों पर शेल्टर होम में रखा है। सबसे बड़ा संकट रोज कमाने और खाने वालों पर है। हालांकि राज्य सरकार ने पंजीकृत सभी मजदूरों के बैंक खातों में 2-2 हजार रुपए जमा करने का ऐलान किया था। इस अनुसार महाराष्ट्र कामगार कल्याण मंडल से सभी जिलों के मजदूरों की सूची मंगाई गई थी।

नागपुर जिले में 1 लाख 14 हजार मजदूर पंजीकृत हैं। अपेक्षा थी कि इन सभी को समय रहते सरकारी मदद मिलेगी। लेकिन सरकारी लचर प्रणाली का एक बड़ा नमूना फिर एक बार सामने आया। कामगार कल्याण मंडल ने नागपुर जिले के 1 लाख 44 हजार मजदूरों में से सिर्फ 44 हजार मजदूरों की सूची सरकार को भेजी है। सरकार मजदूरों के बैंक खातों में 2-2 हजार रुपए जमा कराएगी। किन्तु 70 हजार मजदूर ऐसे हैं, जिनकी अब तक सूची नहीं बनी है। इन्हें कब तक मदद मिलेगी, इसका कोई भरोसा नहीं दिला रहा है। पूछने पर मंडल के अधिकारी सिर्फ इतना कहते हैं कि लॉकडाउन खत्म होने से पहले इन सभी मजदूरों के बैंक खातों में राशि जमा हो जाएगी। जिस कारण मजदूरों पर संकट गहरा गया है।

सरकारी मदद से वंचित
फिलहाल सरकार ने पंजीकृत मजदूरों के बैंक खातों में 2-2 हजार रुपए डालने का निर्णय लिया है। लेकिन कई ऐसे मजदूर भी है, जिन्हें पंजीकरण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन तक सरकार की कोई योजना नहीं पहुंच पाई है और न किसी ने बताया कि उन्हें कामगार कल्याण मंडल में पंजीकरण करना है, ताकि सरकारी योजना का लाभ मिल सके। जिस कारण अब उन्हें सरकारी मदद से वंचित रहने की नौबत आ गई है। वे खुद को अब ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सदर, बिजली नगर स्थित मनपा शाला में रखे गए मजदूर इसे लेकर सवाल उपस्थित करते हैं।

इन मेहनतकशों को न्याय की उम्मीद
- वाड़ी में काम करने वाले काटोल निवासी सलमान मालधारी बताते हैं कि वे वर्षों से वाड़ी में मजदूरी का काम करते हैं। लेकिन उन्हें किसी ने नहीं बताया कि कामगार कल्याण मंडल में पंजीकरण करना अनिवार्य है।

- यही हाल राष्ट्रीय महामार्ग स्थित ढाबों पर मजदूरी करने वाले सुरेश रहंगडाले का है। वे कर्नाटक के रहने वाले हैं। लॉकडाउन के बाद रेलवे स्टेशन पर कर्नाटक जाने के लिए पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें उठाकर बिजली नगर स्थित मनपा शाला के शेल्टर होम में लेकर आ गई। वे बताते हैं कि 34 साल से वे नागपुर में काम कर रहे है। किन्तु अब तक किसी योजना का उन्हें फायदा नहीं मिला। उन्हें भी किसी ने बताया नहीं कि कामगार कल्याण मंडल में पंजीकरण करना है।

- नागपुर की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में मालढुलाई का काम करने वाले प्रकाश बागवे की भी कहानी अलग नहीं है। वे अमरावती जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। उन्हें भी वहां से पकड़कर शेल्टर होम में रखा गया। बागवे बताते हैं कि उन्हें कामगार कल्याण मंडल से संबंधित कोई जानकारी ही नहीं है।

मजदूरों को स्वास्थ्य सुरक्षा भी नहीं
मजदूरों के इतिहास में शायद यह पहला मजदूर दिवस है, जब उनके सामने खाने का भी संकट है। हालांकि कामगार कल्याण मंडल सभी मजदूरों तक खाना पहुंचाने का दावा कर रहा है। मंडल का दावा है कि शेल्टर होम में जितने मजदूर रुके हैं, जिलाधिकारी के आदेश पर उन्हें खाना पहुंचाया जा रहा है। हालांकि कामगार मंडल में पंजीकृत मजदूरों का कोई सुरक्षा बीमा नहीं है। उन्हें स्वास्थ्य संकट में डॉक्टरों से सर्टिफिकेट लेकर कामगार मंडल में आवेदन करना पड़ता है। इस अनुसार उन्हें एक लाख रुपए तक प्रतिपूर्ति होती है। एक लाख से अधिक खर्च होने पर मजदूरों को अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है। इसमें भी कई वर्गीकरण किए गए हैं। गंभीर बीमारी में एक लाख तक प्रतिपूर्ति। नैसर्गित मृत्यु (50 से 60 वर्ष की उम्र) में परिवार को 2 लाख तक मदद। काम करते समय मृत्यु होने पर 5 लाख तक मदद। हालांकि ये कागजों पर अच्छे दिखाई पड़ते हैं। किन्तु वास्तविकता लाभ लेते समय मजदूरों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन योजनाओं का कितने लोगों ने लाभ लेने का पूछे जाने पर अभी आंकड़े उपलब्ध नहीं होने का हवाला दिया गए हैं।

 लिस्ट भेज दी है
जिले में 1 लाख 14 हजार मजदूर पंजीकृत हैं। सरकार को 44 हजार लोगों की सूची भेजी गई है। सरकार सीधे इनके बैंक खातों में राशि जमा करेगी। अन्य मजदूरों को भी लॉकडाउन खत्म होने से पहले लाभ दिया जाएगा    - श्री मडावी, सहायक आयुक्त, कामगार कल्याण मंडल

Created On :   1 May 2020 10:45 AM GMT

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