टसर रेशम का उत्पादन कर युवा पा सकते हैं बेहतरीन रोजगार

Youth can get excellent employment by producing tussar silk
टसर रेशम का उत्पादन कर युवा पा सकते हैं बेहतरीन रोजगार
प्रदर्शनी टसर रेशम का उत्पादन कर युवा पा सकते हैं बेहतरीन रोजगार

डिजिटल डेस्क, भंडारा।  जिले में बड़ी मात्रा में टसर रेशम का उत्पादन हो रहा है। प्रमुख रूप से आंधलगांव, मोहाड़ी, पवनी के निष्टी, पालांदुर परिसर के किटाडी में टसर रेशम का उत्पादन किया जा रहा है। जे. एम. पटेल महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय कुतूहल प्रदर्शनी में जिला रेशम कार्यालय द्वारा टसर रेशम की निर्माण प्रक्रिया व उससे बनने वाले कपड़ों की जानकारी साझा की गई। इस समय स्टाल में जानकारी देते हुए बताया गया कि युवा परिश्रम कर लक्ष्य निश्चित कर इस उद्योग में हाथ आजमाए तो वे सफल उद्योजक बन सकते हैं। जिला रेशम कार्यालय तकनीकी सहायक मिनल खापर्डे व प्रयोगशाला सहायक ने बताया कि पवनी तहसील के निष्टी में तथा लाखनी तहसील के किटाडी परिसर के जंगल में लिए जा रहे टसर के उत्पादन से करवती साड़ियां बनाई जाती है। प्रतिवर्ष जून माह में टसर का उत्पादन लेना शुरू हो जाता है। एक माह के बाद किट बाहर निकल जाता है। उस समय से धागा बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ककून्स से धागा निकालने की प्रक्रिया मोहाड़ी तहसील के वरठी रोड पर स्थित जमनी दाबा ग्राम में होती है। इसी तरह आंधलगांव व मोहाड़ी के पावरलुम के जरिए साड़ियां तैयार की जाती है। इन साड़ियों की कीमत छह हजार रुपए से शुरू होती है। टसर रेशम से बने कपड़े लाख रुपए तक भी महंगे होते हंै। धागा व धागे से कपड़ा बनने की प्रक्रिया जटील है। जे. एम. पटेल महाविद्यालय में आयोजित कुतूहल विज्ञान  प्रदर्शनी में जिला रेशम कार्यालय के स्टाल में रेशम से किस तरह कपड़ा यह जानकारी नागरिकों को दी गई। यदि कोई रेशम के कपड़ा व्यवसाय से जुड़ना चाहता है तो वह जिला रेशम कार्यालय में संपर्क कर सकता है।

Created On :   16 Feb 2023 6:44 PM IST

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