खुला प्रवर्ग सबके लिए, इसमें किसी आरक्षण का सवाल नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में स्पष्ट किया है कि खुला प्रवर्ग किसी के लिए भी आरक्षित नहीं है। इसमें जनरल के अलावा उन श्रेणियों के उम्मीदवारों को भी शामिल किया जा सकता है, जिन्हें पहले ही जातिगत आरक्षण प्राप्त है। इस निरीक्षण के साथ हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन (एमएसआरटीसी) को वर्ष 2017 कनिष्ठ ट्रैफिक निरीक्षक की पदभर्ती की खुले महिला प्रवर्ग की मेरिट लिस्ट दोबारा जारी करने का आदेश दिया है। इसमें याचिकाकर्ता चंदा वानखेडे को भी शामिल करने को कहा गया है।
अपनी-अपनी दलील
याचिकाकर्ता के अनुसार, वह महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन में बस कंडक्टर पद पर कार्यरत है। वर्ष 2017 में परिवहन ने कनिष्ठ ट्रैफिक निरीक्षक पद की भर्ती निकाली थी। उन्हें परीक्षा में पूरे 110 अंक मिले थे। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस भर्ती प्रक्रिया में खुला महिला प्रवर्ग की मेरिट लिस्ट 108 अंकों पर खत्म हुई, लेकिन याचिकाकर्ता के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रवर्ग के होने के कारण उन्हें खुला महिला प्रवर्ग की मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। इसके जवाब में महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन ने हाई कोर्ट में दलील दी कि आरक्षित महिला प्रवर्ग की मेरिट लिस्ट 108 नहीं, बल्कि 112 अंकों पर खत्म हुई। इसलिए उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया। वहीं खुला महिला प्रवर्ग की मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए याचिकाकर्ता पात्र नहीं थी। एमएसआरटीसी ने राज्य सरकार के 13 अगस्त 2014 के जीआर का हवाला दिया, लेकिन मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
Created On :   5 May 2023 2:32 PM IST