धर्म परिवर्तन के कारण पति को छोड़ा, मेंटेनेंस नहीं मिलेगा

धर्म परिवर्तन के कारण पति को छोड़ा, मेंटेनेंस नहीं मिलेगा
पत्नी के रवैये को कोर्ट ने बताया गलत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। . पति और ससुराल वालों के धर्म परिवर्तन करने के कारण उन्हें छोड़ कर मायके चली गई पत्नी मेंटनेंस की हकदार नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने यह फैसला दिया है। हाई कोर्ट के अनुसार, पत्नी बगैर किसी ठोस कारण के पति को छोड़ कर गई है, इसलिए वह मेंटेनेंस पाने की हकदार नहीं है।

दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप

नागपुर निवासी इस दंपत्ति का विवाह 18 अप्रैल 2008 को हुआ था। पत्नी के अनुसार, विवाह के कुछ समय बाद पति और सास-ससुर ने बुद्ध धर्म अपना लिया। इसके कुछ महीनों बाद उन्होंने क्रिश्चयन धर्म अपना लिया। पत्नी महानुभाव पंथ को मानती थी। उसका आरोप है कि पति और ससुराल वाले उसे महानुभाव पंथ छोड़ कर क्रिश्चयन धर्म अपनाने के लिए दबाव डाल रहे थे। वह राजी नहीं थी, इसलिए उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। उसे अपने पंथ के अनुसार आचरण करने और मंदिर जाने की अनुमति भी नहीं दी जा रही थी। इसी प्रताड़ना से तंग आ कर पत्नी ससुराल छोड़ कर मायके वापस लौट आई। इसके बाद उसने न्यायालय में पति से 5 हजार रुपए प्रतिमाह मेंटेनेंस का मुकदमा दायर कर दिया। वहीं पति ने अदालत में जवाब दिया कि पत्नी का बर्ताव ससुराल वालों के प्रति सही नहीं था। उसे अपने पंथ को मानने की आजादी दी गई थी। कई बार पति ने उसे वापस लाने का भी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं लौटी। पत्नी की मांग थी कि पति अपने मां-बाप से अलग हो, तब ही वह वापस आएगी। नागपुर के पारिवारिक न्यायालय ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनकर पत्नी की मेंटेनेंस की अर्जी खारिज कर दी। इसके खिलाफ पत्नी ने हाई कोर्ट की शरण ली, लेकिन हाई कोर्ट ने भी उक्त निरीक्षण के साथ याचिका खारिज कर दी।

Created On :   5 May 2023 2:33 PM IST

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