हड़कंप: नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत

नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत
  • 24 घंटे में 24 की मौत
  • नांदेड़ के सरकारी अस्पताल का हाल

डिजिटल डेस्क, नांदेड़।दो महीने पहले ठाणे महानगरपालिका के कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज सरकारी अस्पताल में इलाज के अभाव में 18 मरीजों की मौत हो गई थी। अब इसके बाद नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में भी ये स्थिति हो गई है। पिछले 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत हो गई है। इसमें 12 नवजात भी शामिल हैं

पिछले 24 घंटे में इस सरकारी अस्पताल में 24 लोगों की मौत हो गई है। इसमें 12 शिशु हैं, जिनमें छह-छह महिला और पुरुष हैं। बारह अन्य मरीज हैं। मरीजों की मौत होने से हड़कंप मच गया।

विष्णुपुरी इलाके के सरकारी अस्पताल बहुत गंदगी है और मरीजों को बाहर से दवा लानी पड़ती है। अस्पताल प्रशासन में समन्वय की कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं सालभर पहले एक सरकारी अस्पताल के बाहर मरीज का शव मिलने के बाद जांच शुरू की गई थी, वह जांच अभी भी अधूरी है।

छले तीन दिनों में कर्मचारियों का स्थानांतरण हो गया है, कुछ डॉक्टर छुट्टी पर हैं, इसलिए मरीजों की देखभाल में तालमेल नहीं बन पा रहा है। इससे भर्ती होने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसी चर्चा अस्पताल परिसर में सुनने को मिली।

70 से 80 किलोमीटर क्षेत्र में सेवाएं देने वाला यह अस्पताल अपने खराब प्रबंधन के लिए चर्चा में आ गया है। बीमार बच्चों के अलावा 12 अन्य रोगियों के जहर व सर्पदंश से पीड़ित होने की जानकारी मिली है।

इस संबंध में इस अस्पताल और डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज के संस्थापक डॉ.श्याम राव वाकोड़े ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि, यहां विदर्भ, तेलंगाना और मराठवाड़ा से मरीज आते हैं, इनमें कई की हालत गंभीर होती है, पिछले कुछ दिनों से दवा आपूर्तिकर्ता हापकिन ने कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण दवाओं की आपूर्ति बंद कर दी है। ऐसे मामलों में भी उपलब्ध व्यवस्था में कभी-कभी बाहर से दवाएं लाकर तत्काल उपचार करना पड़ता है। मरीजों की मौत की खबर मिलते ही हम तत्काल बैठक कर मामले की समीक्षा कर रहे हैं। डॉ.वाकोडे ने बताया कि, हाल ही में कर्मचारियों और डॉक्टरों के तबादलों के कारण मैनपावर कम है। उन्होंने कहा कि, सरकारी अस्पताल में सर्पदंश और गंभीर जहर के मरीजों के लिए जरूरी दवा नहीं है, इसलिए इसकी आपूर्ति कम लगती है।

पंद्रह दिन पहले दैनिक भास्कर ने खबर प्रकाशित की थी कि हैपकिन कंपनी ने सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवा की कमी का जिक्र किया गया था।

विधायक मोहनअण्णा हंबर्डे का आरोप है कि सरकार की उपेक्षा के कारण यहां ऐसी घटनाएं हो रही है।


Created On :   3 Oct 2023 10:24 AM IST

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