चलती ट्रेन में कांस्टेबल ने एएसआई व तीन यात्रियों की गोली मार हत्या की

शव के पास खड़े होकर भाषण दिया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल ने चलती ट्रेन में एएसआई और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना जयुपर से मुंबई जा रही 12956 सुपर फास्ट एक्सप्रेस में सोमवार सुबह करीब 5 बजे हुई। आरपीएफ के सनकी हवलदार चेतन कुमार सिंह ने पालघर में केलवे रोड-वैतरणा स्टेशन के बीच जिन चार लोगों को गोली मारी, उसमें ट्रेन में तैनात आरपीएफ की एस्कॉर्टिंग टीम के इंचार्ज सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) टीकाराम मीणा के अलावा तीन यात्री हैं। मृत तीन यात्रियों में से दो की पहचान अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन (62) और असगर अब्बास अली (48) के रूप में हुई है जबकि एक की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। आरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक ने (एडीजी) ने घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। मृतक असगर अली के भाई अमानुल्ला शेख ने जेजे अस्पताल से शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने परिवार के किसी सदस्य के लिए रेलवे में नौकरी की मांग की है।

जयपुर से मुंबई की तरफ आ रही गाड़ी में आरोपी चेतन सिंह ने पहले बी-5 कोच में एएसआई मीणा को गोलियों से भून दिया। बताया जा रहा कि मीणा शौचालय गए थे। जैसे ही वे बाहर निकले सिंह के साथ किसी बात को लेकर नोकझोंक हुई। इसी दौरान आरोपी ने नजदीक से मीणा पर अपनी सर्विस राइफल (एके-47) से चार राउंड गोलियां दाग दीं। मौके पर ही मीणा की मौत हो गई। इसके बाद चेतन ने बी-5 कोच में एक यात्री को गोली मारी। ट्रेन के बी-4, बी-3, बी-2 और बी-1 कोच को पार करने के बाद उसने पैंट्री कार के बाहर एक यात्री को गोली मारी। इसके बाद एस-8 और एस-7 कोच पार कर वह एस-6 कोच में पहुंचा और तीसरे यात्री को गोली मार कर उसी कोच में सफर कर रहे यात्रियों को अपनी व्यथा सुनाई।

2009 में मिली अनुकंपा नौकरी : एके-47 राइफल से फायरिंग कर 4 लोगों की जान लेने वाले आरोपी चेतन ने अनुकंपा के तहत 2 दिसंबर, 2009 में नौकरी ज्वाइन की थी। मार्च, 2003 में उसकी तैनाती मुंबई डिवीजन में हुई। वह लोअर परेल वर्कशॉप में ड्यूटी करता था और महालक्ष्मी आरपीएफ बैरक में रहता था। आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक आरोपी गर्ममिजाज होने के साथ अनुशासनहीन भी था। पिछली ड्यूटी के दौरान उसने अपने रूम पार्टनर से 2000 रुपए यूनिफार्म के लिए मांगे थे, जो उसने नहीं दिए। रतलाम में ड्यूटी के दौरान भी बदतमीजी की शिकायत उसके खिलाफ की गई थी।

भागने की फिराक में रोकी ट्रेन : चेन पुलिंग कर आरोपी ने मीरा रोड-दहिसर के बीच 5.59 बजे ट्रेन रोकी। गाड़ी रुकने पर उसने भागने की कोशिश की। लेकिन राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने उसे पकड़ कर उसका हथियार जब्त कर लिया। जीआरपी आयुक्त रवींद्र शिस्वे ने बताया कि घटना सुबह पांच बजे के बाद हुई। उन्होंने कहा कि घटना के पीछे का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है और जांच जारी है। जीआरपी के मुताबिक सिंह ने 12 गोलियां चलाईं। इसमें से चार गोली एएसआई मीणा को लगी। दो-दो गोलियां तीन यात्रियों को लगीं। बाकी दो गोली ट्रेन की खिड़की और कोच में लगी हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस का रहने वाला आरोपी मीरा रोड जीआरपी की हिरासत में है। उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

जयपुर में मिल जाता काम तो बच जाती जान : आरोपी ने जिन तीन यात्रियों को मौत के घाट उतारा, उनमें असगर अब्बास अली मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे। चूड़ी बनाने का अच्छा हुनर होने के कारण वह काम की तलाश में बिहार से जयपुर अपनी बीवी और पांच बच्चों के साथ आए थे। जयपुर में काम नहीं मिल रहा था। लिहाजा काम की तलाश में अकेले ही मुंबई आ रहे थे। यदि असगर अली को जयपुर में काम मिल जाता तो उनकी जान नहीं जाती।

साथ ही ड्यूटी कर रहे थे दोनों : सूरत से जो एस्कॉर्ट टीम ट्रेन में चढ़ी थी, उसे टीकाराम लीड कर रहे थे। यही टीम एक दिन पहले दादर-पोरबंदर सौराष्ट्र एक्सप्रेस से एस्कॉर्ट ड्यूटी कर सूरत पहुंची थी। आरोपी चेतन लोअर परेल आरपीएफ में तैनात है। आरपीएफ (पश्चिमी रेलवे) के महानिरीक्षक प्रवीण सिन्हा ने बताया कि चेतन मानसिक परेशानी में था और उत्पीड़न की शिकायत कर चुका था।

Created On :   1 Aug 2023 10:21 AM IST

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