डेजर्ट सिटी में बाढ़: इस टेक्निकल गलती के चलते दुबई में बने बाढ़े के हालात, जानिए कैसे नकली बादलों से रेगिस्तानी शहर में होती है बारिश?

इस टेक्निकल गलती के चलते दुबई में बने बाढ़े के हालात,  जानिए कैसे नकली बादलों से रेगिस्तानी शहर में होती है बारिश?
  • दुबई में 16 अप्रैल से हो रही तेज बारिश
  • सड़कों से लेकर मॉल तक में घूसा पानी
  • जानिए क्या है क्लाउड सिडिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूएई के दुबई शहर में भारत समेत दुनियाभर के कई देशों से लोग घूमने-फिरने, खरीदारी और नौकरी के सिलसिले में आए दिन जाते रहते हैं। इस बीच रेगिस्तानी शहर में 16 अप्रैल को अचानक तेज बारिश होना शुरू हो गई है। शहर में लगातार हो रही तेज बारिश और कड़कती बिजली की वजह से वहां पर काले बादल और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इन सबके चलते दुबई में फ्लैश फ्लड आ गया है।

शहर में भारी बारिश के कारण सड़क, मॉल, मेट्रो स्टेशन, मल्टीनेशनल कंपनियां और बिजनेस प्लेसिस में पानी भर गया है। इसे देखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर दुबई के इस मंजर के कई वीडियोज और फोटोज जमकर वायरल हो रही है। वहीं, दुबई एयरपोर्ट पर बीते 24 घंटों में 160 मिलिमीटर बारिश हो चुकी है। दुबई में इतना पानी अमूमन दो सालों में बरसता है। इस लिहाज से देखे तो यह शहर में बड़ी प्राकृतिक आपदा है।

इस वजह से हुई तेज बारिश

इस बारे में साइंटिस्ट्स का कहना है कि दुबई में अचनाक बारिश का कारण कुछ और नहीं बल्कि क्लाउड सीडिंग है। इसे आर्टिफिशियल बारिश के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से शहर या किसी भी स्थान पर बारिश कराई जाती है। हाल ही में दुबई प्रशासन की ओर से 15 और 16 अप्रैल को क्लाउड सीडिंग के संबंध में विमान को उड़ाया गया था। ऐसे में दुबई में हो रही नॉन स्टाप बारिश को लेकर दो कारण की संभावनाएं जताई जा रही है। पहला यह कि क्लाउड सीडिंग के दौरान टेक्नीकल फॉल्ट और दूसरा जलवायु में इंसानों की ओर से किए गए महत्वपूर्ण बदलाव।

पड़ोसी देशों में भी बने हैं ऐसे हालात

बारिश को लेकर गल्फ नेशनल सेंटर मेटरोलॉजी ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दुबई में 15 और 16 अप्रैल को क्लाड सीडिंग के विमान को उड़ाया गया था। इन विमानों को सात बार उड़ाया गया था। इस दौरान माना जा रहा है कि क्लाउड सिडिंग सही तरह से पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में दुबई में तेज बारिश होना शुरू हो गई है। हालांकि, आश्चर्य की बात यह है कि साऊदी अरब के पड़ोसी देश में भी इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं।

दुबई समेत अन्य पड़ोसी देशों में काफी कम स्पीड में साउदर्न जेट स्ट्रीम का बहाव बना हुआ है। साउदर्न जेट स्ट्रीम एक गर्म वायुमंडलीय हवा होती है। दुबई और करीब देशों के नजदीकी क्षेत्र समुंदर से घिरा हुआ है। यहां अक्सर धूल के तूफान बनते रहते हैं। घूल एक प्रकार का क्लाउड सीडर है। इसकी पहचान साइंटिस्ट कंडेनसेशन न्यूक्लियाई से करते हैं।

75 साल का रिकॉर्ड टूटा

क्लाउड सीडिंग के फेल होने का कारण धूल के कणों का मिश्रित होना बताया जा रहा है। इस वजह से दुबई में यह तेज बारिश का संकट आ गया है। वहीं, जलवायु में गर्मी के तापमान में हो रही बढ़ोतरी से इस तरह की स्थिति आए दिन पनपती रहती हैं। इसे देखते हुए कहा जा रहा है कि अब दुबई में इस तरह की स्थिति दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगी। दुबई में बारिश का 75 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है।

डेसर्ट सिटी होने की वजह से दुबई में पानी कम पाया जाता है। यहां पर ग्राउंड वॉटर को प्रयोग में लिया जाता है। मगर, फिर भी यहां पानी की कमी रहती हैं। इन सब स्थिति को देखते हुए यूएई सरकार ने आर्टिफिशियल बारिश कराने पर जोर दिया है। इसकी प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया गया। हालांकि, इस बार यह सही तरीके से सफल नहीं हो पाया। यूएई ने क्लाउड सीडिंग की शुरुआत साल 1982 से की थी।

Created On :   17 April 2024 11:39 AM GMT

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