बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, गुजरात सरकार को लगाई फटकार, 11 दोषियों को फिर जाना होगा जेल

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, गुजरात सरकार को लगाई फटकार, 11 दोषियों को फिर जाना होगा जेल
  • गुजरात सरकार का आदेश रद्द
  • सुको ने बताया मनमाना आदेश
  • दोषियों को दो सप्ताह की मोहलत
  • जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करने का सुको फरमान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में सुनवाई करते हुए 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है। सभी 11 दोषी 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार करने और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने में जेल में थे, गुजरात सरकार ने सभी दोषियों की सजा माफ कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह इस अदालत का कर्तव्य है कि वह मनमाने आदेशों को जल्द से जल्द सही करे और जनता के विश्वास की नींव को बरकरार रखे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।

बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बिलकिस के दोषियों को जेल जाना होगा। सजा माफी को सुको ने धोखाधड़ी वाला कृत्य भी बताया।

सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि 13 मई, 2022 का फैसला (जिसने गुजरात सरकार को दोषी को माफ करने पर विचार करने का निर्देश दिया था) अदालत के साथ "धोखाधड़ी करके" और भौतिक तथ्यों को छिपाकर प्राप्त किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि बिलकिस बानो द्वारा 11 दोषियों की सजा की सजा को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई योग्य है।

बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि राज्य, जहां किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, वह दोषियों की माफी याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य सक्षम नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है।

Created On :   8 Jan 2024 7:17 AM GMT

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