रिटायरमेंट के बाद सीखा त्वाइक्वांडो, 75 की उम्र में भी ऐसे दांव पेंच की अच्छे अच्छे हो जाते हैं चित्त

अजब -गजब रिटायरमेंट के बाद सीखा त्वाइक्वांडो, 75 की उम्र में भी ऐसे दांव पेंच की अच्छे अच्छे हो जाते हैं चित्त

Ankita Rai
Update: 2022-06-30 07:59 GMT
रिटायरमेंट के बाद सीखा त्वाइक्वांडो, 75 की उम्र में भी ऐसे दांव पेंच की अच्छे अच्छे हो जाते हैं चित्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल। बेहतर जीवन के लिए आप सभी को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहना बेहद जरूरी है। मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट हो तो किसी भी तनाव को आसानी से झेल सकेंगे। इसलिए हमारे शरीर की प्रॉपर देखभाल करना बहुत जरुरी है। तो आज हम एक ऐसे ही 75 साल के बुजुर्ग के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी फिटनेस के चलते अपना खूब नाम बनाया है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग ने वह कारनामा कर दिखाया है जो 25 साल के लड़के भी नहीं कर पाते हैं। जी हां हम बात राम गोपाल बाजपेयी की, जिन्होंने 75 साल की उम्र में शहर का नाम रोशन किया है। राम गोपाल जी ने ताइक्वांडो  में बड़ा नाम कमाया है। 

उन्‍होंने देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो में कई मेडल हासिल कर कानपुर का नाम रोशन कर दिया है।

राम गोपाल बाजपेयी का कहना था की ताइक्वांडो के प्रति लगाव उनको बचपन से ही था। लेकिन परिवार की जिम्मेदारी की वजह से दूरसंचार विभाग में नौकरी करनी पड़ी, लेकिन इस बाद भी ताइक्वांडो से उनका लगाव कभी कम नहीं हुआ। राम गोपाल बाजपेयी ने 1983 से ताइक्वांडो की प्रैक्टिस करनी शुरू की, कुछ दिन बाद 2007 में राम गोपाल बाजपेयी  रिटायर हो गए, जिसके बाद उनका  असली सफर शुरू हुआ। रिटायरमेंट में लोग जहां आराम करने के बारे में सोचते हैं। राम गोपाल बाजपेयी ने एक नया सफर शुरु कर दिया। इस के बाद उन्होंने स्टेट लेवल पर गोल्ड जीता। फिर नेशनल लेवल पर गोल्ड और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीते। फिर यह सिलसिला चला तो चलता ही रहा। 

वर्ल्ड चैंपियनशिप 2024 की कर रहे हैं तैयारी

राम गोपाल जी ने बताया कि वे अब वर्ल्ड चैंपियनशिप 2024 की तैयारी में लगे हुए हैं। उम्र के इस पड़ाव पर राम गोपाल जी का खेल के प्रति लगाव देखते ही बनता है। वो रोजाना अपनी प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने अपनी प्रैक्टिस का पूरा इंतजाम घर के एक कमरे में ही कर रखा है। जहां पर वह रोजाना अपनी प्रैक्टिस करते हैं। राम गोपाल जी का कहना है कि उनको फेडरेशन की तरफ से कभी कोई मदद नहीं मिलती है। अभी तक वह जितनी भी चैंपियनशिप में गए है उन्होंने अपना खर्चा खुद ही उठाया है, जिसके लिए उन्हें कई बार लोन भी लेना पड़ा है। 


 

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