गजब ! पूर्वजों के बाल सिर पर सजाती हैं इस कबीले की महिलाएं

गजब ! पूर्वजों के बाल सिर पर सजाती हैं इस कबीले की महिलाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-29 05:53 GMT
गजब ! पूर्वजों के बाल सिर पर सजाती हैं इस कबीले की महिलाएं

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। देश चाहे कोई भी हो जंगलों में निवास करने वाली जनजातियां अपने अलग कल्चर के लिए ही जानी जाती हैं। साउथवेस्ट चीन के गुइझाऊ में एक ऐसी ही जनजाति है जिसे मिआओ जनजाति के नाम से जाना जाता है। इस समुदाय के बारे मे कहा जाता है कि लोगों के लिए उनका इतिहास किताबों में होता है, लेकिन इस समुदाय के लिए उनका इतिहास उनके सिर पर होता है।

यह समुदाय एक विषेश परम्परा के कारण कहा जाता हैए यहां की महिलाएं अपने पूर्वजों की (कई पीढ़ियों) के बालों से तैयार हेड ड्रेस (एक तरह का विग) पहनती हैं। सुनने में आपको यह अचरज भरा लग सकता है, लेकिन यह सच है। 

नहीं फेंकतीं बाल

समुदाय में औरतें कंघी करते वक्त निकलने वाले बाल फेंकती नहीं, बल्कि एकत्रित करती हैं। ये रिवाज यहां पर सदियों से जारी है और आज भी इसका कड़ाई से पालन होता है।  

लकड़ी के सींग 

सदियों से इस तरह से एकत्रित होते आ रहे बालों से समुदाय की महिलाएं सिर पर पहने जाने वाली एक विशेष प्रकार कि ड्रेस बनाती हैं, जिसे लकड़ी के बने सींगो के ऊपर बनाया जाता है। इस कबीले में गायों को बहुत पवित्र माना जाता है, इसलिए लकड़ी के बने सींगों का प्रयोग किया जाता है। 

विशेष अवसरों पर

शेष त्योहार या उत्सव के अवसर पर इस समुदाय की महिलाएं ये परिधान पहनती हैं। प्रत्येक परिवार में मां अपनी बेटी को ये विरासत के रूप में देती हैं। बताया जाता है कि पहले पुरुष भी इसे पहनते थे, लेकिन अब सिर्फ महिलाएं भी इसे उपयेाग करती हैं। 

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