अनोखा रिवाजः मां के बाद यहां बेटी बनती है अपने ही पिता की पत्नी

अनोखा रिवाजः मां के बाद यहां बेटी बनती है अपने ही पिता की पत्नी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-11 09:09 GMT
अनोखा रिवाजः मां के बाद यहां बेटी बनती है अपने ही पिता की पत्नी

डिजिटल डेस्क,कोलकाता। आदिवासी जनजातियों में आमतौर पर अनोखी परंपराएं ही देखने मिलती हैं। इन्हें पूरा करने के लिए ये खुद को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं साथ ही उन कामों को करने से भी नहीं डरते, जिनके बारे में सोचना भी मुश्किल है। आज हम यहां आपको भारत.बांग्लादेश की सीमा के पार सुदूर पहाड़ी में निवास करने वाली मंडी जनजाति की एक ऐसी ही परंपरा के बारे में बता रहे हैं... 

इस जनजाति में लड़कियों की शादी उनके ही पिता से करा दी जाती है। फिर चाहे वह किसी भी उम्र की क्यों न हों। अगर, कोई लड़की इसके लिए तैयार न हो तो उस पर जबरन दबाव बनाया जाता है। 

मां की शादी और बेटी की भी
इस जनजाति में अगर किसी औरत का पति मर जाता है और उसकी बेटी होती है तो मां की दूसरी शादी के वक्त सौतेला पिता पत्नी की बेटी से भी विवाह करता है। इस जनजाति में छोटी उम्र में शादी की परंपरा है। जिसकी वजह से कम उम्र में ही विधवा भी देखने मिलती हैं।

लड़कों की उम्र भी छोटी

लड़कों की उम्र भी आमतौर पर छोटी ही होती है। जिसकी वजह से विधवा अपनी बेटी की शादी पति से करा देती है और तीनों एक साथ ही एक घर में पति-पत्नी बनकर रहते हैं।  

भारत की गारो जनजाति
इस जनजाति को भारत में गारो नाम से जाना जाता है। ये मेघालय के गारो पर्वत पर रहते हैं। यहां लड़का अपनी अपनी बुआ और मामा की लड़की से शादी कर सकता है। यहां तक की विधवा होने पर सास से भी शादी कर लेता है। यहां शादी के बाद पति अपनी पत्नी के घर रहने जाता है।

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