मोर-मोरनी को सबसे पहले सिकंदर ले गया था यूनान, यहां जानें रोचक FACTS

मोर-मोरनी को सबसे पहले सिकंदर ले गया था यूनान, यहां जानें रोचक FACTS

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-06 06:38 GMT
मोर-मोरनी को सबसे पहले सिकंदर ले गया था यूनान, यहां जानें रोचक FACTS

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोर एक बहुत ही खूबसूरत पक्षी है। ये भारत का राष्ट्रीय पक्षी भी है। विज्ञान की भाषा में इसे पावो क्रिस्टेटस कहा जाता है। ये जितना खूबसूरत होता है, उतने ही रोचक तथ्य इसके साथ जुड़े हुए हैं। यहां हम आपको ऐसे ही फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं। 

 

-पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार जनवरी से अक्टूबर तक मोर मोरनी के सहवास का समय होता है। मोरनी एक बार में तीन से पांच अंडे तक दे सकती है। ये सफेद व पीले रंग के होते हैं। 

 

-नर पक्षी मोरनी को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह की आवाजें निकालते हैं। यही नहीं मोर माेरनी के लिए धीरे धीरे नृत्य भी करते हैं बारिश इनका प्रिय माैसम है। जो कवि की कल्पनाआें का प्रमुख विषय है।

 

-मोर पंख को लेकर कवियों ने अपनी कविताएं गढ़ी हैं। मोर पंख कन्हैया के मुकुट में भी लगाया जाता है। 

 

-कहा जाता है कि मोरपंख ज्ञानवर्धक भी है। इसे किताब में रखने से मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

 

-भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का वाहन भी मोर ही है। कार्तिकेय को मोर पर विराजमान ही सदैव अंकित किया जाता है। 

 

-मोरों की सर्वाधिक सुंदर प्रजातियां भारत में पायीं जाती हैं। कहा जाता है कि सबसे पहले सिकंदर इस सुंदर पक्षी को युनान ले गया गया था, जिसके बाद इसकी अनेक प्रजातियां दुनियाभर में फैलीं। 

 

-बड़े-बड़े परों वाले मोर कम ही उड़ते हैं। रात होने पर ये पेड़ पर चढ़ जाते हैं और दिन में फिर नीचे उतर आते हैं। ये खुले मैदानों रहना ज्यादा पसंद करते हैं। 

 

-मोर को 26 जनवरी 1963  को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था। 

 

-अरबी भाषा में मोर को ताऊस कहते हैं। चंद्रगुप्त मौर्य के सिक्कों में एक तरफ मोर का चित्र छपा होता था। मुगल बादशाह शाहजहां तख्त-ए-ताऊस पर बैठता था जो मोरनुमा ही आकार में बना था। ये सिंहासन विश्वप्रसिद्ध था। यह हीरे मोतियाें से जड़ा था।

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