रक्त ने धरती की लाल, इस पेड़ से निकला खून काले हो गए ये आम
रक्त ने धरती की लाल, इस पेड़ से निकला खून काले हो गए ये आम
डिजिटल डेस्क, भकाला। युद्धों का अंत कभी सुखद नही होता, ये अपने पीछे ऐसे निशान छोड़ जाता है जिसका परिणाम पीढ़ियां भोगती हैं। आज आपको ऐसे ही एक पेड़ के बारे में बताया जा रहा है। जिसे काटने से ना सिर्फ खून निकलता था बल्कि के इसके फल भी काले हो गए। यह एक आम का पेड़ है जिसे स्थानीय भाषा में काला अंब या ब्लैक मैंगो ट्री कहा जाता है। इस जगह का नाम है भकाला। इस पेड़ की कहानी भी राेचक है ये अपना इतिहास अपनी ही जुबानी खुद बताता है। पानीपत म्यूजियम में लाेग इसे विदेशों से देखने आते हैं।
आराम करते थे सैनिक
कहा जाता है कि पानीपत की भूमि पर 1526, 1556 और 1761 में पानीपत के तीन ऐसे युद्ध लड़े गए जिन्होंने धरती को रक्त से लाल कर दिया। तीसरा युद्ध मराठों और मुगलों के बीच हुआ। कहा जाता है कि युद्ध के बाद आराम करने सैनिक इसी पेड़ के नीचे ठहरा करते थे। इस युद्ध का इतिहास में विस्तृत वर्णन है। इसमें करीब 70 हजार सैनिक मारे गए थे।
रक्त से धरती लाल हो गई
भकाला में तीसरे युद्ध के निशान शेष हैं। जिस पेड़ के नीचे सैनिक आराम किया करते थे उसको काटने से खून निकलता था। इस बारे में कहा जाता है कि रक्त से धरती लाल हो गई थी। मिट्टी में हर ओर खून था जिसका असर इस पेड़ पर भी पड़ा। इसके आम काले हो गए और डालियों को काटने पर रक्त की तरह रंग या द्रव्य निकलने लगता था। इस पेड़ के नाम ही इस स्थान को काला अंब कहा जाता है।
स्मृति स्वरूप रखवायीं लकड़ियां
बताया जाता है कि अनेक वर्षों बाद जब ये पेड़ सूख गया तो इसे कवि सुगन चंद रईस ने खरीदा। इसकी लकड़ियों से सुंदर दरवाजे बनवाए और उन्हें पानीपत म्यूजियम मे स्मृति स्वरूप रखवा दिया।