इन देशों में होती हैं जबरदस्ती शादियां

इन देशों में होती हैं जबरदस्ती शादियां

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 05:38 GMT
इन देशों में होती हैं जबरदस्ती शादियां

डिजिटल डेस्क । कहते हैं जोड़ियां आसमानों में बनते हैं, लेकिन कभी-कभी लोग इसे जबरदस्ती जमीन पर भी बनाने की कोशिश करते हैं। कभी ब्लैकमेल करके तो कभी किडनैप कर के। सुन में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ये सच है कई देशों में शादियां ऐसे ही होती हैं। जो पसंद आ जाए उसे जबरदस्ती उठा कर ले जाते हैं और रेप के बाद जबरदस्ती अपनी जीवन संगीनी बना लेते हैं। कहीं तो लड़कों को भी किडनैप कर जबरदस्ती शादी करवा दी जाती है। आज हम इसी तरह के कुछ देशों के बारे बात करेंगे, जहां लड़कियों के साथ जबरदस्ती शादी की जाती है। 

भारत

सबसे पहले हम अपने ही देश की बात करेंगे। यूं तो हमारे देश में अरेंज मैरिज ज्यादा होती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि भरात के इलाकों में शादी जोर-जबरदस्ती से भी की ताजी हैं। बस फर्क ये होता है कि भारत में लड़कियों का नहीं बल्कि लड़कों का अपहरण होता है। बिहारमें अच्छे लड़कों की कमी और दहेज की मांग के चलते दूल्हों को उठा लिया जाता है और जबरदस्ती शादी करवा दी जाती है। 

पाकिस्तान

भात के बाद नंबर आता है, पड़ोसी देश पाकिस्तान का। यहां हिन्दू और इसाई लड़कियों को उठाकर ले जाना और उनका रेप करके उन्हें जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाना बहुत आम बात है। इसकी वजह से कई हिन्दुओं को पाकिस्तान छोड़कर भारत में भी शरण लेनी पड़ रही है।

रवांडा

अफ्रीकी देश रवांडा में दुल्हन उठा ले जाना आम बात है। यहां दुल्हन को उठाकर ले जाते हैं और उसका रेप करते हैं। फिर लड़की के पिता को बुलाकर गाय और पैसे देते हैं और लड़की के माता-पिता से माफी मांगते हैं। ज्यादातर मामले में गरीब लड़कियों को उठाया जाता है। हैरत की बात यह भी है कि यहां घरेलू हिंसा को अपराध नहीं माना जाता है।

मिस्र

मिस्र में इसाई लड़कियों और महिलाओं को उठाकर ले जाना उनके साथ जबरदस्ती शादी करना और उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने पर मजबूर करने के मामले सामने आते रहते हैं। 

इथोपिया

इथोपिया के कई इलाकों में अभी भी दुल्हन को जबरन उठा ले जाने का रिवाज है। यहां 11 साल की बच्चियों तक को उठा लिया जाता है। साल 2004 में 18 साल से कम लड़कियों को उठाना कानूनन अपराध बना दिया गया था लेकिन कानून बनाने का कुछ खास फायदा नहीं हुआ। 2016 के यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक अभी भी 10-12 प्रतिशत विवाहों में दु्ल्हन को उठा लिया जाता है। इस तरह जबरन विवाह की वजह से कई सारी लड़कियों को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है वहीं कई बच्चियों को एड्स जैसी घातक बीमारी भी हो जाती है।

साउथ अफ्रीका

दुल्हन उठा ले जाने की प्रथा जूलू जनजाति के लोग थवाला कहते हैं। इस प्रथा में घर वालों के विरुद्ध जाकर लोग शादी किया करते थे। हालांकि बाद में इस प्रथा का गलत प्रयोग होने लगा। कमजोर और गांव की लड़कियों को उठाकर शोषण किया जाने लगा।

मध्य एशिया

किर्गिस्तान के कई इलाकों में यह प्रथा अभी भी प्रचलित है। इसे काचू कहा जाता है जिसका मतलब होता है उठाओ और भागो। 50 प्रतिशत शादियां यहां किडनैप करके ही की जाती हैं। लड़कियों के अलावा शादीशुदा महिलाओं को भी उठा लिया जाता है। मध्य एशिया के दूसरे देशों कजाखिस्तान और उज़बेकिस्तान में भी ये प्रथाएं चलती हैं।

रोम

जिप्सी समुदाय के लोगों में दुल्हन उठा ले जाने की प्रथा काफी प्रचलित है। इसमें दुल्हन को उठा लिया जाता है और अगर 3-4 दिन तक दुल्हन के घर वाले उसे ना ढूंढ पाए तो लड़के के साथ लड़की की शादी मानी जाती है।

माल्टा

इस देश में दुल्हन को उठा ले जाने की प्रथा काफी प्रचलित थी। इसे लेकर एक कानून भी बनाया गया था जिसमें प्रावधान था कि उठा ले जाने वाला अगर लड़की के साथ शादी कर लेता है तो उसपर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। पूरी दुनिया में इसका कड़ा विरोध किया गया था। 
 

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