जब भगवान शिव ने बचाई थी अंग्रेज कर्नल की जान, पत्नी ने इस मंदिर में किया था अनुष्ठान

जब भगवान शिव ने बचाई थी अंग्रेज कर्नल की जान, पत्नी ने इस मंदिर में किया था अनुष्ठान

Manmohan Prajapati
Update: 2021-07-22 10:04 GMT
जब भगवान शिव ने बचाई थी अंग्रेज कर्नल की जान, पत्नी ने इस मंदिर में किया था अनुष्ठान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव महादेव की पूजा का महत्व सावन माह में काफी अधिक माना गया है। वहीं दुनियाभर में भगवान शिव को मानने वाले और उन पर आस्था रखने वाले करोड़ों भक्त हैं। इनमें ज्यादतर लोग हिंदू धर्म के हैं, लेकिन ईश्वर के लिए सभी मनुष्य एक समान ही हैं और उनका आशीर्वाद एक धर्म के लोगों के लिए ही सीमित नहीं हैं। भक्ति की शक्ति से अवगत कराने वाली ऐसी कई घटनाएं देखने और सुनने को मिलती हैं। आज हम आपको ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहे हैं।

यह घटना अंग्रेज सरकार के एक कर्नल के जीवन से जुड़ी हुई है। वे भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा भाव रखते थे और उसने यह दावा किया था कि भगवान भोलेनाथ ने उसकी जान बचाई थी। यह किस्सा करीब 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। आइए जानते हैं इसके बारे में....

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ब्रिटिश शासन की है घटना
इतिहासकारों के अनुसार, साल 1879 में जब भारत पर अंग्रजों का शासन चल रहा था, इस किस्से का जन्म उन्हीं दिनों में हुआ। एकाएक ब्रिटिश काल में अंग्रेजी सेना के एक कर्नल ने दावा किया था कि उन्हें बचाने के लिए खुद भगवान शिव ही पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने आजीवन उन्हीं भक्ति करने की बात भी कही। 

अंग्रेज और अफगानों के बीच युद्ध
दअरसल, सी. मार्टिन नाम के अंग्रेजी सेना के कर्नल उन दिनों मध्य भारत के मालवा में तैनात थे। इस बीच अंग्रेज और अफगानों के बीच युद्ध हुआ था जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को अंग्रेज सेना का नेतृत्व करने के लिए भेजा गया था। अपने घर से दूर कर्नल अफगानिस्तान में थे तब वे अपनी पत्नी को अपनी कुशलता बताने के लिए हर रोज पत्र लिखा करते थे। ऐसा कई दिनों तक चला और फिर एकाएक उनके खत यानी कि पत्र आना बंद हो गए। 

जब परेशान हुई कर्नल की पत्नी
कर्नल के पत्र अचानक आना बंद हो जाने से उनकी पत्नी चिंतित हो गईं और कर्नल की कोई खबर ना मिलने से परेशान रहने लगीं। उन्हें अपने पति की सुरक्षा की चिंता सता रही थी और एक दिन जब वे कुछ पता करने के लिए घर से निकलीं तो उन्हें रास्ते में भगवान शिव का मंदिर मिला, हालांकि वे ​शिव के बारे में नहीं जानती थीं। 

भगवान शिव के बारे में जाना
कर्नल की पत्नी मंदिर के अंदर गईं, जहां उन्होंने भगवान शिव की आरती देखी। इसके बाद उन्होंने मंदिर के पुजारी से पूछा कि वहां मौजूद लोग क्या कर रहे हैं? और यह प्रतिमा किसकी है? इस पर पु​जारी ने बताया कि, यह महादेव का मंदिर है और ये भगवान शिव हैं जिनकी आरती हो रही है। पुजारी ने बताया कि, ये सर्वव्यापी हैं और इन के लिए कुछ भी असंभव नहीं है ये जो चाहे वो सब कर सकते हैं।

पति की सुरक्षा के लिए कराया अनुष्ठान
भगवान शिव की महिमा जानने के बाद कर्नल की पत्नी ने भगवान शिव से अपने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना की और 11 दिनों का विशेष पूजा भी करवाया। 11 दिनों बाद एक चमत्कार हुआ और उनके पति का पत्र आया कि वो कुशलता से वहां हैं। इसी पत्र में कर्नल ने एक अजीब घटना के बारे में भी बताया कि कैसे उनकी जान बची और वे सुरक्षित हैं।

कर्नल ने बताई पूरी घटना
कर्नल ने पत्र में लिखा कि, अंग्रेजों के अधिकतर सैनिक अफगानों के द्वारा मारे गए थे और उनके बचने की कोई उमीद नहीं थी और तब कर्नल ने आंखें बंद कर भगवान को याद किया। कर्नल के अनुसार उस समय युद्धभूमि में एक व्यक्ति आए जो कि एक साधु योगी की तरह दिख रहे थे। जिसे देखते ही अफगानी सैनिक भाग गए और कर्नल की जान बच गई और वह वापस अपने घर आ गया। 

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महादेव की प्रतिमा देख चौंके गए कर्नल
कर्नल के इस पत्र में लिखी घटना को पढ़ने के बाद उनकी पत्नी ने भगवान शिव के मंदिर और पूजा के विषय में विस्तार से बताया। इसके बाद जब कर्नल वापस आए तो वे दोनों मंदिर गए, जहां कर्नल की पत्नी ने अपने पति की सुरक्षा के लिए शिव जी से प्रार्थना की थी। लेकिन कर्नल मंदिर में भगवान की मूर्ति को दख कर चौंक गए। उनका कहना था कि यह वही व्यक्ति है जिसने उनकी जान बचाई थी। 

लिया उम्र भर की भक्ति का निर्णय
इस घटना के बाद से ही कर्नल और उसकी पत्नी को भोलेनाथ पर दृढ़ विश्वास हो गया। कर्नल और उसकी पत्नी ने 1883 में 15 हजार रुपए खर्च कर भगवान शिव के मंदिर का जीर्णोधार करवाया। इसके बाद दोनों ने यह संक्लप किया के वे दोनों उम्र भर भगवान शिव की भक्ति करेंगे।

कहां है ये मंदिर
इस किस्से को जानने के बाद हर किसी के मन में यह जानने की इच्छा जरूर होती है कि आखिरकार वह कौन सा मंदिर था। जहां कर्नल और उनकी पत्नी पहुंची। इतिहासकारों ने जहां इस घटना को बताया है, वहीं इस मंदिर के बारे में भी लिखा है। जिसके अनुसार, यह मंदिर मध्‍य प्रदेश के आगर मालवा में स्थित है। उत्तर दिशा में जयपुर मार्ग पर बाणगंगा नदी के किनारे स्थापित इस मंदिर को श्री बैजनाथ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

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