इस मोबाइल नंबर को जिसने भी खरीदा, उसने गंवा दी अपनी जान

इस मोबाइल नंबर को जिसने भी खरीदा, उसने गंवा दी अपनी जान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-09 09:38 GMT
इस मोबाइल नंबर को जिसने भी खरीदा, उसने गंवा दी अपनी जान

डिजिटल डेस्क। कहते हैं कि आज की दुनिया में कुछ भी पॉसिबल हो सकता है, फिर चाहे जो भी हो। आपने आज तक भूत- प्रेत के बारे में या होरर प्लेस के बारे में सुना होगा, लेकिन कभी सुना है कि कोई मोबाइल नबंर की वजह से डरा हो। आप सोचेगें ये भी क्या मजाक है, लेकिन ये कोई मजाक नहीं बल्कि एक हकीकत है, जिसमें एक मोबाइल नंबर की वजह से तीन इंसानों की मौत हो चुकी है। ऐसी ही एक खबर इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मोबाइल नंबर सुर्खियों में बना हुआ है। जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि ये मोबाइल नंबर भी भूतिया हो सकता है। अगर आपने ये खबर अब तक नहीं पढ़ी तो अब जरुर पढ़े।

 

जी हां ऐसा बताया जा रहा है कि पिछले दस सालों में जिन लोगों ने भी इस नंबर का इस्तेमाल किया उनकी मौत हो गई। ये एक ऐसा मोबाइल नंबर है जिसे जिसने भी खरीदा उसको मौत लेने आ गई। ये अब तक की कोई पहली घटना नहीं बल्कि इससे पहले तीन बार ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं। इस भूतिया मोबाइल नंबर को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। 

 

दरअसल, यह मामला बुल्गारिया का है। सबसे पहले इस नंबर को मोबीटेल कंपनी के सीईओ ने खरीदा था। कंपनी के सीईओ व्लादमीर गेसनोव ने 0888888888 सबसे पहले खुद के लिए जारी करवाया था। इसके बाद साल 2001 में व्लादमीर की मौत कैंसर के कारण हो गई। ऐसा माना जाता है कि कैंसर से मौत होने की अफवाह उनके दुश्मनों ने फैलाई थी। जबकि मौत की असली वजह कुछ और ही थी। कुछ मीडिया खबरों के अनुसार बताया गया कि यह मोबाइल नंबर ही उनकी जान का दुश्मन बना।

 

व्लादमीर के बाद इस मोबाईल नबंर को डिमेत्रोव नाम के एक ड्रग डीलर ने खरीदा। जिसका 500 मिलियन का कारोबार था और नंबर लेते ही डिमेत्रोव को साल 2003 में एक रशियन माफिया ने मार दिया था। कहा जाता है, मौत के समय यह नंबर डिमेत्रोव के पास ही था। 

 

इसके बाद यह नंबर बुल्गारिया के एक व्यापारी ने खरीदा जिसका नाम डिसलिव था। नंबर लेने के बाद डिसलिव को भी वर्ष 2005 में बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में मार दिया गया। डिसलिव एक कोकीन ट्रेफिकिंग ऑपरेशन भी चलाता था। खबरों की मानें तो ये मोबाईल नंबर लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ था। तीन मौतें हो जाने के बाद इस नंबर को वर्ष 2005 में सस्पेंड कर दिया गया।    

 

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