बांग्लादेश: एक ऐसा कार्यक्रम, जिसमें पहुंचने के लिए लोग लगाते हैं 'जान की बाजी'

बांग्लादेश: एक ऐसा कार्यक्रम, जिसमें पहुंचने के लिए लोग लगाते हैं 'जान की बाजी'

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-14 17:55 GMT
बांग्लादेश: एक ऐसा कार्यक्रम, जिसमें पहुंचने के लिए लोग लगाते हैं 'जान की बाजी'

डिजिटल डेस्क, ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हज के बाद दुनिया में इस्लाम का सबसा बड़ा वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम का नाम "बिश्वा इज्तेमा" है, जिसमें भारी तादाद में हज से वापस लौटे करीब 150 देशों के मुसलमान शामिल होते हैं। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में आने के लिए ट्रेनों में मुसलमानों की भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि ट्रेन ही नजर नहीं आती। इसके बदले में ऐसा लगता है कि लाखों लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़े हुए हैं और रेलवे ट्रैक में दौड़ रहे हैं।

अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए ये लोग ट्रेन की टिकट कटाते हैं या नहीं, ये तो नहीं पता, लेकिन ये कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं। ये ट्रेन के दरवाजों पर झुलते हुए और खिड़कियों में लटकते हुए अपना सफर तय करते हैं। यहां तक कि संख्या ज्यादा होने के कारण ये ट्रेन की छत पर चढ़ जाते हैं, तो इंजन पर लद जाते हैं। हाल ही में 10 से 12 जनवरी के बीच ढाका में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, इस दौरान ट्रेन पर इन लोगों का कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था।

बिश्वा इज्तेमा के लिए साल 1967 में ढाका के बाहरी इलाके टोंगी में तुरंग नदी के किनारे 160 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गई थी। तब से इसी स्थान पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यदि इन्हें ट्रेनों में भी जगह नहीं मिलती, तो ये लोग नावों के जरिए जैसे-तैसे यहां तक पहुंच जाते हैं। बता दें कि बिश्वा इज्तेमा मुसलमानों का एक धार्मिक कार्यक्रम है, जिसमें इस्लाम के विभिन्न धार्मिक पक्षों पर चर्चा की जाती हैं।

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