मराठवाड़ा का यह छोटा सा कस्बा बना पिंक सिटी, गजब की एकता- जानिए क्या खूबी है गांव की

मराठवाड़ा का यह छोटा सा कस्बा बना पिंक सिटी, गजब की एकता- जानिए क्या खूबी है गांव की

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-02 05:29 GMT
मराठवाड़ा का यह छोटा सा कस्बा बना पिंक सिटी, गजब की एकता- जानिए क्या खूबी है गांव की

डिजिटल डेस्क, लातूर । बापू को आज पूरा विश्व याद कर रहा है उनके अनुयायी अपने-अपने तरीके से उन्हें आदरांजलि दे रहे हैं। इन सब के बीच मराठवाड़ा के लातूर जिले का एक छोटा-सा  कस्बा पूरी दुनिया के सामने  एकता की मिसाल बनकर सामने आया है। इस गांव का नाम है रामेश्वर रुई। गांव भले ही छोटा हो, लेकिन गांव में बड़े-बड़े विकास कार्य हुए हैं। गांव में उपलब्ध सुविधाएं, यहां चलने वाले उपक्रम और गांववासियों की एकता मिसाल है।

पिंक सिटी का आभास
रामेश्वर भले ही छोटा-सा गांव हो, लेकिन यहां के घर आकर्षक है। गुलाबी रंग से रंगे घर देखकर जयपुर के पिंक सिटी का आभास होता है। 

गांधी के सपने साकार 
शिक्षाविद डॉ. लारी आजाद का कहना है कि मैं दुनियाभर घूमा और पूरा भारत देखा, लेकिन दो हजार बस्ती वाले छोटे-से गांव मं इतने विकास कार्य और इतने स्तरीय संस्थाएं कहीं नहीं देखी। यह गांव सही अर्थों में महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने वाला गांव है।

ईश्वर अल्लाह तेरो नाम…
पूर्व दिशा से गांव में प्रवेश करने पर मंदिर परिसर में गोपाल महाराज की समाधि है। दो महान तपस्वियों की भांति वटवृक्ष और अश्वत्थवृक्ष है। सोनवला नदी के तट पर भव्य जामा मस्जिद है और हजरत जैनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है। नदी के एक ओर मंदिर और दूसरी ओर मस्जिद देखकर ऐसा लगता है कि नदी दोनों धर्मों का जोड़ने वाला मानवता सेतु है। गांधीजी का प्रिय भजन ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मती दे भगवान’ मानो गांव में साकार हो उठा है। गांव में 600 वर्ष से भी प्राचीन श्रीराम तथा हनुमानजी का मंदिर है।  करीब दो हजार जनसंख्या वाला यह गांव 50,476 वर्गमीटर में फैला है।

ग्रामसभा
रामेश्वर में हर माह ग्रामसभा का आयोजन किया जाता है। गांववासियों की भागीदारी से ग्राम स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। संत गाडगेबाबा ग्राम स्वच्छता अभियान में गांव को पुरस्कार भी मिला। व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी जोर दिया जाता है। शाला, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य केंद्र में सूचना पत्रक लगाकर जनजागृति के साथ ही कचरा के योग्य नियोजन के कारण गांव संसर्गजन्य रोग दूर है।  

शिक्षा का केंद्र
गांव को सर्वधर्म समभाव के सूत्र में पिरोते हुए उसे आदर्श रूप देने में काम दादाराव कराड की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ. विश्वनाथ कराड ने गांव में महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सहित कई शिक्षा संस्थाओं की स्थापना की जो ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। मराठवाड़ा अकालग्रस्त क्षेत्र है, लेकिन रामेश्वर गांव पर प्रकृति की कृपा बरस रही है। गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्राम स्वराज्य प्रशिक्षण केंद्र, वनराई प्रकल्प, पंचायत समिति कार्यालय, वाचनालय, श्री हनुमान व्यायामशाला, डीएड कालेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर उद्यान आदि है। 

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