Award : कश्मीर से कन्याकुमारी तक दौड़कर दिया एकता का संदेश, मिला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब

Award : कश्मीर से कन्याकुमारी तक दौड़कर दिया एकता का संदेश, मिला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-20 14:40 GMT
Award : कश्मीर से कन्याकुमारी तक दौड़कर दिया एकता का संदेश, मिला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब

डिजिटल डेस्क, अजमेर। राजस्थान के अजमेर की 34 वर्षीय अल्ट्रा रनर सूफिया खान ने 4035 किलोमीटर दौड़कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। सूफिया ने यह दूरी अपने "मिशन होप" के तहत कश्मीर से कन्याकुमारी तक 87 दिन, 2 घंटे और 17 मिनट में दौड़कर पूरी की। उनके इस मिशन का उद्देश्य 22 शहरों में जाना और लोगों से मिलकर उन्हें भाईचारे / मानवता, एकता, शांति और समानता का संदेश देना था। उन्होंने बताया कि इस दूरी को उन्होंने 100 दिन में पूरा करने का फैसला किया था, जिसे उन्होंने 13 दिन पहले ही हासिल कर लिया।

 

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मिशन "होप" नाम ही क्यों
चूंकि सूफिया अपने मिशन के जरिए देशवासियों को मानवता, एकता, शांति और समानता का संदेश देना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने अपने मिशन का नाम होप (HOPE) चुना यानी -

  • H - Humanity (मानवता)
  • O - Oneness (एकता)
  • P - Peace (शांति)
  • E - Equity (समानता)

हर स्थान से मिला सम्मान
इस रिकॉर्ड के लिए सूफिया खान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट दिया जा चुका है और कुछ दिनों में ही उनका नाम इस बुक में दर्ज हो जाएगा। इस मुकाम को हासिल करने के बाद सूफिया ने बताया कि मैं अपने मिशन होप के दौरान जिस भी शहर से गुजरी, वहां के लोगों ने मेरा दिल से स्वागत किया और मेरे साथ दौड़ में शामिल भी हुए। उन्होंने आगे कहा कि बड़े - बुजुर्गों ने मेरे साथ अपनी बेटी जैसा बर्ताव किया और देखभाल भी की। खासकर जब मैं चलने की स्थिति में भी नहीं थी, तब लोगों ने फरिश्तों की तरह सहायता कर मेरी रक्षा की।

लोगों का किया धन्यवाद
सूफिया खान ने अपने मिशन के दौरान उन्हें प्रोत्साहना देने, दौड़ में निस्वार्थ भाव से शामिल होने, मदद करने और सुरक्षा देने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया। वे कहती हैं कि यह सिर्फ मेरी उपलब्धि नहीं है, बल्कि हमारे महान भारत के लिए इसे पाने के लिए उन सभी का समान योगदान है, जिन्होंने दिल से मेरा साथ दिया और मैं इस उपलब्धि को उन्हीं लोगों को समर्पित करना चाहती हूं।

कौन है सूफिया
सूफिया का जन्म अजमेर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। महज 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया। इसके बाद उन्हें उनकी मां ने पढ़ा-लिखाकर उन्हें बड़ा किया। वह बचपन से ही ऊंची उड़ान भरने के सपने देखती थीं और आगे चलकर एयरलाइन कंपनी में ड्यूटी ऑफिसर की नौकरी भी की, लेकिन उन्होंने कुछ समय बीतने के बाद नौकरी छोड़ दी, जिससे वह अपनी रनिंग पर फोकस कर सकें।

साल 2018 में सूफिया ने ग्रेट इंडियन गोल्डन ट्रायएंगल प्रतियोगिता में की 720 किलोमीटर की दूरी महज 16 दिनों में पूरी की थी, जिसके लिए उनका नाम इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स पर दर्ज किया गया। देश में फैली अराजकता को देखते हुए उन्होंने देश में एकता, शांति और भारत की संस्कृति बचाने का संदेश देने के लिए मिशन होप का फैसला किया था, जो अब पूरा हो चुका है।

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