जानकर दंग रह जाएंगे आप, पेड़ बताते हैं किस वर्ष कैसा था मौसम

जानकर दंग रह जाएंगे आप, पेड़ बताते हैं किस वर्ष कैसा था मौसम

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-05 06:39 GMT
जानकर दंग रह जाएंगे आप, पेड़ बताते हैं किस वर्ष कैसा था मौसम
हाईलाइट
  • पेड़ बताते हैं किस वर्ष कैसा था मौसम
  • वैज्ञानिकों ने 300 साल पूर्व तक के मौसम का हाल जाना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेड़-पौधों को धरती का श्रृंगार कहा जाता है। ये अपने अंदर प्रकृति के कई रहस्य समेटे रहते हैं। सौ साल पहले कैसा मौसम था, इसकी भी जानकारी वृक्षों से मिल सकती हे, बस जरुरत है इसे पढ़ने की। भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीट्रोलॉजी (आईआईटीएम) पुणे के कुछ वैज्ञानिकों ने इसे पढ़ा और कई रहस्य खोले। पेड़ से केवल आने वाले मौसम की ही जानकारी नहीं मिलती, बल्कि ये अतीत के मौसम को भी अपने में संजोए रहते हैं। ये प्रकृति के जीते-जागते दस्तावेज हैं। इन्हें पढ़कर बताया जा सकता है कि किस साल सूखा पड़ा था और किस साल मानसून बेमिसाल था।

आइआइटीएम के वैज्ञानिकों ने 300 साल पूर्व तक के मौसम का हाल जाना
इंडियन साइंस कांग्रेस में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में  पुणे से पहुूंचे वैज्ञानिक भूपिंदर दास एवं गुरुनाथ ने प्रदर्शनी में आए लोगों को पेड़ों में छिपे इन रहस्यों को बताया। उन्होंने बताया कि सागोन, कॉनीफर, देवदार के पेड़ों के तनों में एक साल की अवधि में एक रिंग बनता है। तने को काट बननी रिंग का अध्ययन किया जाए तो अतीत में मौसम कैसा रहा इसके पन्ने खुद व खुद खुलते चले जाते हैं।


तने में बने रिंग पेड़ की उम्र और रिंग की चौड़ाई बताती है मौसम का हाल
जिस वर्ष तने में बनना रिंग जितना चौड़ा होगा, उस वर्ष मौसम उतना ही अधिक सुहावना रहा होगा। रिंग की कम चौड़ाई संकेत देती है कि  पेड़ का ठीक से पोषण नहीं मिला। यानि पानी, धूप जैसी पेड़ के पोषण के लिए आवश्यक वस्तुएं ठीक से नहीं मिल सकीं। पेड़ को ये सारी चीजें प्रकृति से मिलती हैं, जो मौसम पर निर्भर होता है। जिस साल मौसम जितना अच्छा रहा होगा, पेड़ को उतने ही अच्छे पोषक तत्व मिले होंगे। इससे तने के अंदर बना रिंग उतना ही मोटा होगा। पृथ्वी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक पेड़ों की मदद से 300 साल तक के मौसम की जानकारी हासिल कर चुके हैं।

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