मिट्टी से शुरू हुई कहानी, इंसानी हड्डियों से सजा है ये चर्च

मिट्टी से शुरू हुई कहानी, इंसानी हड्डियों से सजा है ये चर्च

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-24 06:01 GMT
मिट्टी से शुरू हुई कहानी, इंसानी हड्डियों से सजा है ये चर्च

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऐसा कहा जाता है कि दुनिया की सबसे लंबी चाइना वाॅल के नीचे हजारों लोग दफन हैं। ऐसा भी माना जाता है कि दीवार बनने में इतने साल लग गए कि हजारों लोगों की मौत हो गई, जिन्हें दीवार के नीचे ही दफना दिया गया, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहे हैं जहां इंसान की हड्डियों और कंकालों से चर्च को सजाया संवारा गया है। चर्च को देखते ही लगता है कि जैसे यह हड्डियों के ढांचे से ही खड़ा किया गया है। इसे ऑस्युअरी कहा जाता है अाैर इसकी कहानी मिट्टी से शुरू हाेती है। 

सेडलेक ऑस्युअरी चेक गणराज्य में स्थित है। इसमें करीब 40 हजार लोगों की हड्डियों को कलात्मक रूप से सजा रखा है।  सबसे पहले यहां शवों को अस्थाई रूप से कब्र बनाई जाती है। सालों बाद उसकी हड्डियां निकाल कर यहां चर्च में ऑस्युअरी में रखी दी जाती हैं। 

साथ लाए पवित्र मिट्टी 

बताया जाता है कि 13 वीं शताब्दी में यहां  के एक संत हेनरी को फिलिस्तीन भेजा गया था। 1278 में जब हेनरी अपने साथ उस जगह की मिट्टी का एक भरा हुआ जार लाए जहां प्रभु यीशु को सूली पे चढ़ाया गया था। उन्होंने उस मिट्टी को कब्रिस्तान पर डाल दिया। उसके बाद उस जगह को पवित्र माना जाने लगा। 
 
कब्रिस्तान में  नहीं बची जगह

इसके बाद 14 वीं और 15 वीं शताब्दी में यहां प्लेग और युद्ध की वजह से मौत हो गई। उनमे से अधिकांश लोगों को सेडलेक में दफना दिया गया। एक ही वक्त में अधिक लोगों को दफनाने से कब्रिस्तान में जगह ही नहीं बची। जिसके बाद यहां एक ऑस्युअरी बनाने का ख्याल आया। 

40,000 लोगों की हड्डियां

इसके बाद ये इस काम की जिम्मेदारी वहां के संतों को सौंपी गई, जो कब्र में से हड्डियों को निकाल कर ऑस्युअरी में रख देते हैं। 1870 में करीब 40,000 लोगों की हड्डियों को सुंदर तरीके से सजाया गया था। अनोखी चीजों की वजह से ये चर्च लगभग दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसे लोग ""द चर्च ऑफ बोनस"" के नाम से जानते हैं।  
 

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