जान के रह जाएंगे हैरान, एडिसन ने नहीं की थी बल्ब की खोज 

जान के रह जाएंगे हैरान, एडिसन ने नहीं की थी बल्ब की खोज 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-20 09:52 GMT
जान के रह जाएंगे हैरान, एडिसन ने नहीं की थी बल्ब की खोज 

 

 

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आज के दौर में बिना बिजली के जीवन काटना बहुत मुशकिल है। टी.वी, एसी, घर या बाहर का कोई भी काम बिना बिजली के करना नामुमकिन सा लगता है। नई तकनीक की वजह से ज्यादातर काम बिजली पर ही निर्भर होते है। आप सबने कई बार बिजली के विषय में थोमस एडिसन का नाम सुना होगा, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि असल में लाइट बल्ब की खोज उन्होंने नहीं बल्कि किसी और ने की थी।  

 

 

पहले ही हो चुकी थी लाइट बल्ब की खोज

दरअसल, जिस दौरान थोमस एडिसन ने इस प्रक्रिया पर काम करना शुरु किया था, उस वक्त पहले ही लाइट बल्ब कि खोज की जा चुकी थी। इतना ही नहीं दुनिया के लगभग 20 आविष्कारों ने इस पर पेटेंट भी तैयार कर लिए थे।

 

 

इस साल हुआ था लाइट बल्ब का आविष्कार

साल 1806 में हम्फ्री डेवी ने इंग्लैण्ड की रोयल सोसाइटी में, उनके द्वारा आविष्कार किया गया पहला इलेक्ट्रिक लेम्प पेश किया था, लेकिन लेम्प ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और जल गया। इसके बाद साल 1841 में ब्रिटिश फ्रेडरीक डीमोलिनिस ने एक ग्लास बल्ब तैयार किया। 1845 में, अमेरिका के जे .डब्ल्यू. स्टार ने एक वैक्यूम और एक कार्बन बर्नर तैयार किया। 

 

 

कई एक्सपेरिमेन्ट किए गए लेकिन रहे नाकामयाब

इंग्लिश केमिस्ट जोसफ स्वान ने एक के बाद एक कई एक्सपेरिमेन्ट किए लेकिन सभी असफल रहें। इन सभी आविष्कारों में इन्वेन्ट किए गए बल्ब कुछ घंटो से ज्यादा नहीं टिक पाते थे। मौजुदा विचारों पर एडीसन ने और सुधार करना शुरु कर दिया। एडिसन ने अपने टीम मेम्बर्स के साथ तापदीप्त लैम्प या इन्कैंडिसेंट लैम्प का आविष्कार किया। तापदीप्त लैम्प या इन्कैंडिसेंट लैम्प (incandescent lamp) को बोलचाल में बल्ब कहते हैं। 

 

 

ऐसे हुआ इन्कैंडिसेंट लैम्प का आविष्कार

एडिसन ने एक ऐसा फिलामेंट विकसित करने का फैसला किया जिसमे "उच्च प्रतिरोध" का उपयोग करते है। इसमे बल्ब नष्ट हुए बिना ही लाइट उजागर होती है। साल 1880 के अंत तक एडीसन कि टीम लंबे बांस बर्नर का उपयोग करने लगी, जिसे फिलामेंट्स कहा जाता था, इसमे लगभग 600 घंटे तक जलने की क्षमता थी। इसी के बाद से एडीसन के सपनों को और पूरे शहर को रोशनी मिली।

 

 

एडिसन को टीम-आधारित इन्डस्ट्रीयल रिसर्च के रूप में जाना गया

साल 1882 तक एडिसन ने उनके नाम पर एक कम्पनी खोली। जिसका नाम था, एडीसन इलेक्ट्रिकल लाइट कम्पनी, जो पूरे न्यूयार्क शहर में बिजली देती थी। 1920 के दशक तक, शहर में हर तरफ रोशनी थी, और एडिसन अमेरिकी समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन चुके थे। विद्युत प्रकाश की 50 वीं वर्षगांठ के दौरान, एडिसन को उनके काम के लिए सम्मानित किया गया।

इस समय के दौरान एडीसन द्वारा किए गए अन्य योगदानों को भी ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। एडिसन को टीम-आधारित इन्डस्ट्रीयल रिसर्च के रूप में जाना गया, उन्होंने समस्या को हल करने के लिए कई इन्टेलिजेन्ट लोगों की मदद ली और इसी तरह उन्होनें अपने सपनों को हकीकत में तबदील किया।

 

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