यहां माइंस में बने हैं 1500 घर, ऐसे रहते हैं लोग

यहां माइंस में बने हैं 1500 घर, ऐसे रहते हैं लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-19 06:01 GMT
यहां माइंस में बने हैं 1500 घर, ऐसे रहते हैं लोग

डिजिटल डेस्क, कैनबरा। दुनिया में आधुनिकता बढ़ती ही जा रही हैं लेकिन आज भी ऐसे लोग हैं, जो इन सभी से दूर हैं। दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा ही गांव है जहां लोग खदानों में रहते हैं। इन्हें एक तरह से अंडरग्राउंड घर कहा जाता है। ये देखने पर बेहद साधारण नजर आते हैं लेकिन ये अंदर जाने पर आपको एहसास होगा कि आप एक नई दुनिया में खड़े हैं। ये नजारा हमें कूबर पेडी गांव में देखने मिलता है। 

 

कूबर पेडी ओपल की विश्व राजधानी

दरअसल, ये लोग ओपल की खदानों में रहते हैं। ये एक दूधिया रंगा का पत्थर होता है। कूबर पेडी को ओपल की विश्व राजधानी कहा जाता है। यहां दुनिया की सबसे ज्यादा ओपल माइंस पायी जाती हैं। कहा जाता है कि यहां इतनी सारी खदानें कि लोग इन्हीं में अपना घर बनाकर रहते हैं, ये बाहर से बेहद उबड़ खाबड़ खस्ताहाल नजर आती है लेकिन अंदर से देखने पर अच्छी खासी खूबसूरती यहां नजर आने लगती। 

 

पूरी तरह डेजर्ट एरिया 

साल 1915 के आसपास यहां माइनिंग का काम स्टार्ट हुआ था। ये एक डेजर्ट एरिया है जिसकी वजह से गर्मियों में तापमान ज्यादा और सर्दियों में बहुत कम होता है। जिसकी वजह से इन खदानों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था।

 

इस विकट समस्या को देखते हुए इसका एक ही हल निकला और वह था खाली पड़ी माइंस में लोगों को रहने के लिए देना और अब लोग यहां आराम से रहते हैं। ये सर्दी गर्मी मे तापमान बनाकर रखता है। इससे इन्हें ना ही सर्दी का पता चलता है और ना ही गर्मी का। माइंस के ऐसे घरों की संख्या यहां करीब 15 सौ बताई जा रही है। इन खदानाें में सुविधा के सभी सामान माैजूद हैं। इनमें हाॅल से लेकर किसी प्राेग्राम करने के लिए भी अच्छी खासी व्यवस्था है।

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