आदिवासियों की परंपरा, मर्द बनने के लिए देना पड़ता है ये टेस्ट

आदिवासियों की परंपरा, मर्द बनने के लिए देना पड़ता है ये टेस्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-15 04:35 GMT
आदिवासियों की परंपरा, मर्द बनने के लिए देना पड़ता है ये टेस्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आदिवासियों की परंपराएं अनोखी ही होती हैं। अलग-अलग देशों में इनका अलग ही रूप देखने मिलता है। यहां आज हम आपको आदिवासियों की ऐसी परंपराओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही खुद को मर्द साबित किया जा सकता है। अलग-अलग देशों में होने के बाद भी इनका रूप एक-दूसरे कुछ न कुछ मिलता-जुलता है। 

खतरनाक बुलेट चींटी से कटवाना 
ब्राजील के अमेजन के जंगलों में रहने वाली सैटारे मावे जनजाति में परंपरा है कि बुलेट चींटियों के बीच लड़कों के दोनों हाथ डलवाते हैं। 10 मिनट तक लड़के को यह सहना होता है। अगर वह ऐसा कर पाता है तो फिर इसके बाद उसे 19 बार अपना हाथ दस्ताने में डालना होता है। जिसके बाद ही साबित हो पाता है कि वह मर्द है। 
 

नॉर्थ डकोटा 
नॉर्थ डकोटा में मैंडन जनजाति की इस परंपरा को पूरी तरह धार्मिक माना गया है। इसे ओकिपा कहा जाता है।  यहां मर्दानगी के टेस्ट देने के लिए उन्हें कई दिनों तक भूखा रहना होता है। इसके बाद उनके शरीर में स्क्रू लगाकर रस्सियों से लटकाया जाता है। जो सबसे अधिक देर तक लटकता है उसे मैंडन जनजाति के नेताओं में शामिल किया जाता है।

कराेड़ाें की लड़ाई 
पश्चिमी अफ्रीका में फुलानी जनजाति की प्रथा तो और ही डरा देने वाली है। इसमें धारदार छड़ी और चाकू का प्रयोग होता है। हर लड़के को तीन घूंसे मारे जाते हैं। जो सबसे अधिक बर्दाश्त करता हैए उसे विजेता माना जाता है।  

शरीर को गुदवाना 
पापुआ न्यू गिनी में सेपिक जनजाति की प्रथा सुनकर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे। यहां मर्द बनने के लिए शरीर को गुदवाना पड़ता है और इस दौरान उसके साथ स्त्री की तरह व्यवहार किया जाता है। 

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