तो इसलिए भारत में सूर्य के उगने से पहले दी जाती है सजा-ए-मौत

तो इसलिए भारत में सूर्य के उगने से पहले दी जाती है सजा-ए-मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-13 07:06 GMT

डिजिटल डेस्क । हमारे देश में सबसे बड़ी सजा मानी जाती है फांसी की सजा। आपको ये तो पता ही होगा कि फांसी की सजा सुबह-सुबह ही दी जाती है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि फांसी सूर्योदय से पहले क्यों दी जाती है? चलिए जानते हैं। दरअसल ये इत्तेफाक नहीं है। बल्कि ये अनुदेशित है कि सजा पाए हुए व्यक्ति को सूर्योदय के पहले ही फांसी दी जाए। जेल प्रशासन के पास और भी कई काम होते हैं और फांसी एक बड़ा काम है। जिसकी वजह से इसे सुबह ही निपटाया जाता है। ताकि इस वजह से दूसरे काम प्रभावित न हों।

 

फांसी की सजा

फांसी के पहले और बाद में कई सारी प्रक्रियाएं पूरी करनी होती हैं। जैसे कई रजिस्टर में एंट्री, मेडिकल टेस्ट और कई जगह नोट्स देने होते हैं। इसके बाद लाश को भी उनके परिवार वालों को सुपुर्द करना होता है। इसलिए सुबह फांसी दी जाती है, ताकि पूरे काम समय से पूरे हो जाएं।

 

इसके अलावा जिसे फांसी की सजा होनी होती है। उसे पूरा दिन इंतजार नहीं करवाया जाता है क्योंकि इससे उसके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए फांसी की सजा पाए व्यक्ति को सूर्योदय के पहले फांसी दे दी जाती है।

 

इसका एक नैतिक कारण ये भी है कि परिवार वालों को इतना समय दे दिया जाए ताकि वो समय से डेडबॉडी का अंतिम संस्कार कर सकें। किसी आदमी को फांसी देना एक बड़ी खबर होती है। इसलिए उस खबर की वजह से समाज में कोई गलत प्रभाव न हो, इसलिए भी फांसी सुबह जल्दी दी जाती है, क्योंकि इस वक्त मीडिया और जनता उतना सक्रिय नहीं होती।

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