विदेशों में कर्मचारियों की है मौज, जानकर आपको होगी जलन 

विदेशों में कर्मचारियों की है मौज, जानकर आपको होगी जलन 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-16 09:15 GMT
विदेशों में कर्मचारियों की है मौज, जानकर आपको होगी जलन 


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रोज सुबह उठते ही आपके मन में कई बार ऑफिस से छुट्टी लेने का ख्याल आता है, लेकिन फिर भी मन मारकर आप ऑफिस जाने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऑफिस जाने के वक्त उठने वाले इस कंफ्यूजन का असली कारण है, घंटो लगातार काम करना और ऑफिस से कम छुट्टियां मिलना। आज के दौर में कॉर्पोरेट की नौकरी दूर से जितना लुभाती है, करने पर उतनी ही थकाती भी है। 

फिर भी दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहां पर कर्मचारियों के सुकून और शांति का पूरा ध्यान रखा जाता है। इन देशों में कर्मचारियों के लिए कुछ ऐसे कानून मौजूद हैं जिन्हें भारत में भी अपनाने की जरूरत है। इससे काम की क्वालिटी में और बढ़ोतरी होगी और कर्मचारी भी काम करते वक्त बेहतर महसूस करेंगे।

 

काम के बीच सोने के लिए ब्रेक

जापान में ज्यादातर कर्मचारियों को पूरे हफ्ते रात में कम नींद आती है। यही कारण है कि ज्यादातर कंपनियां काम के घंटों के दौरान एक नैप टाइम रखती हैं। उनका मानना है कि इससे काम की क्वालिटी बढ़ती होती है और कर्मचारी भी काम को बेहतर ढंग से करने के लिए प्रेरित होते हैं।

 

 

इस देश में है तीन दिन का वीकेंड  

हम में से ज्यादातर लोग हमेशा वीकेन्ड का इंतजार करते हैं, लेकिन नीदरलैंड के लोगों को इसका इंतजार नहीं करना पड़ता। उनके काम करने के घंटे काफी कम होते हैं साथ ही हर वीकेन्ड तीन दिनों की छुट्टी मिलती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यहां की सरकार का मानना है कि नागरिकों को यात्रा ज्यादा करनी चाहिए।

 

 

ऑस्ट्रिया में मिलती हैं इतनी छुट्टियां

हम सभी का कोई ना कोई ट्रेवल गोल जरूर होता है। ऑस्ट्रिया में कर्मचारी छह महीने काम करने के बाद 30 दिनों के लिए पेड लीव पर जा सकता है। हैरानी कि बात ये है कि 25 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 30 दिनों के बजाए 36 दिनों की छुट्टी दी जाती है और अगर आप इनमें से कोई भी लीव नहीं लेते तो आपको काम करने के लिए एक्स्ट्रा पैसे दिए जाते हैं।

 

 

यूरोप में कर्मचारियों के लिए बेहतर कानून

यूरोपीय देशों में काम पर जाने में लगने वाले समय को भी कामकाजी घंटों में गिना जाता है। ज्यादातर कंपनियां इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि कर्मचारियों का निवास कंपनी के पास ही हो।

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