जजमेंटल है क्या रिव्यू: कंगना-राजकुमार का पागलपन देखने के बाद दें अपना जजमेंट

जजमेंटल है क्या रिव्यू: कंगना-राजकुमार का पागलपन देखने के बाद दें अपना जजमेंट

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-26 03:58 GMT
जजमेंटल है क्या रिव्यू: कंगना-राजकुमार का पागलपन देखने के बाद दें अपना जजमेंट

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत और राजकुमार राव स्टारर फिल्म जजमेंटल है क्या आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म में इन दोनों के अलावा  हुसैन दलाल, सतीश कौशिक, अमायरा दस्तूर, अमृता पुरी और जिमी शेरगिल हैं। प्रकाश कोवेलामुड़ी ने फिल्म का ​डायरेक्शन किया है और टेलीविजन क्वीन एकता कपूर ने इसे प्रोड्यूस किया है। फिल्म रिलीज से पहले ही कंगना के कई विवाद सामने आ चुके हैं। जिसके चलते यह प्रश्न उठना स्वा​भाविक है कि इस फिल्म को क्यों देखा जाए। 

आज के समय में बहुत कम ही ऐसी फिल्में हैं, जो आपको अपने से बांधकर रखने में सफल होती हैं। यह फिल्म उन्हीं में से एक है। जिसे देखकर आपको बहुत मजा आने वाला है। ये साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है बॉबी और केशव के बारे में जो एक बार मिलते हैं और फिर शुरू होता है मिस्ट्री गेम। केशव के घर में हुई है मौत और इस मौत का जिम्मेदार कौन है... बचपन से ही दिमाग से हिली हुई बॉबी या फिर सीधा-सादा केशव? यही और बहुत कुछ आपको इस फिल्म में देखने को मिलेगा।

ये है फिल्म की कहानी
इस फिल्म की कहानी बढ़िया है, जो बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स से भरी हुई है। एक डार्क कहानी जो जैसे-जैसे आगे बढ़ती है आपको अपने साथ और ज्यादा जोड़ती चली जाती है। बॉबी (कंगना रनौत) अपने बचपन के ट्रॉमा से गुजरने के बाद एक्यूट साइकोसिस नाम की दिमागी बीमारी से जूझ रही है। उसका बॉयफ्रेंड कम मैनेजर वरुण (हुसैन दलाल) उनके साथ है और कुछ ‘पाने’ के बजाए उसके साथ सब्जियां खरीदने में समय बिता रहा है। बॉबी के घर आते हैं नए किराएदार केशव और रीमा, जिनकी जिंदगी बॉबी के लिए काफी अलग है। बॉबी, केशव और रीमा की इस अलग जिंदगी की ओर आकर्षित होती है लेकिन एक मर्डर के चलते उसका भ्रम टूटता है और वो केशव को शक की निगाह से देखने लगती है। अब बॉबी के दिमाग में जो चल रहा है वो सही है या नहीं? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

ऐसी है एक्टर्स की परफॉर्मेंस

कंगना रनौत और राजकुमार राव ने कमाल कर दिखाया है। एक लड़की, जो बचपन से ही परेशान है और अपना दिमागी संतुलन खो चुकी है लेकिन फिर भी अपनी जिंदगी को अपने अलग अंदाज में जीती है और अपनी असलियत को छुपाने की कोशिश नहीं करती, के रोल में कंगना ने अलग ऊंचाई को छुआ है। कंगना की परफॉर्मेंस बेमिसाल है और उनका किरदार आपको अपने से ऐसा जोड़ता है कि अंत तक नहीं छोड़ता। वहीं राजकुमार राव ने कंगना को परफॉर्मेंस के मामले में जबरदस्त टक्कर दी है। इस बात में कोई दो राय नहीं है राजकुमार बॉलीवुड के सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में से एक हैं और ऐसा अलग-अलग लेयर्स वाला किरदार उन्होंने इतने बढ़िया तरीके से निभाया है कि आप उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं सकते। राजकुमार अपने रोल में बखूबी फिट हुए हैं और उसके साथ पूरा-पूरा न्याय भी किया है। इतना ही नहीं सपोर्टिंग कास्ट में एक्टर हुसैन दलाल, सतीश कौशिक, अमायरा दस्तूर, अमृता पुरी और जिमी शेरगिल ने बढ़िया काम किया है। हुसैन दलाल के किरदार को देखकर आपका दिल पक्का खुश हो जाएगा, जो बहुत मजेदार है।

प्रकाश कोवेलामुड़ी ने डॉयरेक्शन में नहीं छोड़ी कमी

फिल्म के डॉयरेक्टर ने फिल्म में अपनी तरफ से किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी है। फिल्म की कहानी बढ़िया है, उसका एक्सीक्यूशन शानदार है, सारे जोक्स और पंचलाइन एकदम सही टाइमिंग के साथ हैं और फिल्म ने पूरा समय दर्शकों को साथ में जोड़े रखा। हालांकि फिल्म की कमी ये थी कि सीन्स को बहुत खींचा गया। कुछ नहीं तो सेकंड हाफ में एक बार आपको जरूर लगेगा कि बहुत देर हो गई है और फिल्म का क्लाइमेक्स क्यों नहीं आ रहा है! कुछ चीजें थोड़ी सी ओवर थीं, हालांकि हो सकता है कि अपने मैसेज को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें ऐसा बनाया गया हो। लेकिन ये फिल्म उम्मीद से बेहतर बनी है। एक डार्क फिल्म, जिसमें आप दिमागी रुप से परेशान इन्सान की नजरों से ये दुनिया देखेंगे, जो अपने अन्दर की शांति बाहर की दुनिया में ढूंढ रही है।

शानदार है सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग
डायरेक्टर प्रकाश ने इस फिल्म को बहुत बढ़िया तरीके से बनाया है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग दोनों बढ़िया है। कंगना और राजकुमार के किरदार को जिस तरह से एक्सप्लोर किया गया है, वो लाजवाब है। फिल्म का म्यूजिक काफी अच्छा है। वखरा स्वाग के अलावा फिल्म के बाकी सभी गाने हर सीक्वेंस के साथ फिट बैठते हैं। इसके अलावा फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बहुत बढ़िया है।

लंबे समय तक याद रहेंगे डायलॉग
लाइट्स और म्यूजिक के साथ खेलकर जो डायरेक्टर प्रकाश ने कमाल किया है वो तारीफ के काबिल है। इसके अलावा फिल्म के डायलॉग भी बढ़िया हैं। इस फिल्म के डायलॉग ना केवल आपको हंसाते हैं बल्कि आपको फिल्म ख़त्म होने के बाद भी याद रहते हैं। फिल्म के अपने इमोशनल सीन्स हैं, जो आपके दिल में कुछ हरकत जरूर पैदा करते हैं। ऐसी फिल्में बॉलीवुड में कम ही बनती हैं, तो कुल-मिलाकर इस फिल्म को आपको वीकेंड पर जरूर देखना चाहिए। कंगना और राजकुमार जैसे कमाल एक्टर्स ने इस फिल्म को सफल बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। 

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