निजी ट्रेन पर हुई पहली बैठक: बॉम्बार्डियर, राइट्स, जीएमआर, भेल सहित 16 कंपनियां हुईं शामिल

निजी ट्रेन पर हुई पहली बैठक: बॉम्बार्डियर, राइट्स, जीएमआर, भेल सहित 16 कंपनियां हुईं शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-22 08:32 GMT
निजी ट्रेन पर हुई पहली बैठक: बॉम्बार्डियर, राइट्स, जीएमआर, भेल सहित 16 कंपनियां हुईं शामिल
हाईलाइट
  • इन कंपनियों में बॉम्बार्डियर
  • स्पेन की सीएएफ
  • हवाई अड्डा कंपनी जीएमआर
  • भारतीय रेल की कंपनी राइट्स और सार्वजनिक उपक्रम भेल भी शामिल हैं
  • निजी कंपनियों से आवेदन आमंत्रित करने के पूर्व सोमवार को आयोजित बैठक में 16 कंपनियों ने भाग लिया
  • ये 151 निजी रेलगाड़ियां उन रेलगाड़ियों के अतिरिक्त होंगी जो पहले से चल रही हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रेल नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों के संचालन के लिए निजी कंपनियों से आवेदन आमंत्रित करने के पूर्व सोमवार को आयोजित बैठक में 16 कंपनियों ने भाग लिया। सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों में बॉम्बार्डियर, स्पेन की सीएएफ, हवाई अड्डा कंपनी जीएमआर, भारतीय रेल की कंपनी राइट्स और सार्वजनिक उपक्रम भेल भी शामिल हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर निजी यात्री रेलगाड़ियां परिचालित की जाएंगी जिससे भारतीय रेल परिवहन क्षेत्र में नई तकनीक आने ​के साथ साथ भारतीय रेल के राजस्व में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

ये 151 निजी रेलगाड़ियां उन रेलगाड़ियों के अतिरिक्त होंगी जो पहले से चल रही हैं। विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की गई और रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा आरएफक्यू और बोली प्रक्रिया के प्रावधानों के बारे में स्पष्ट रूप से समझाया गया। संभावित आवेदकों से प्राप्त प्रश्नों के बारे में रेल मंत्रालय 31 जुलाई, 2020 तक लिखित उत्तर देगा। दूसरा आवेदन पूर्व सम्मेलन 12 अगस्त 2020 को निर्धारित है। 

रेल मंत्रालय ने कहा है कि बैठक में लगभग 16 संभावित आवेदकों के भाग लेने से उत्साहनजक प्रतिक्रिया मिली। रेल मंत्रालय ने 109 मूल गंतव्य मार्गों पर जोड़ी यात्री रेल सेवाओं के संचालन के लिए 151 आधुनिक रेलगाड़ियां चलाने के लिए 12 निजी कंपनियों से योग्यता के आधार पर आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए की गई पहल है। 

इस परियोजना के माध्यम से निजी क्षेत्र से लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। उम्मीद है कि यात्री रेल परिचालन में कई परिचालकों के आने से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा जिससे सेवाएं बेहतर हो सकेंगी। यह पहल यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने में भी मदद करेगी। 

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