गुजरात चुनाव के पहले मोदी को झटका, एडीबी ने गिराई जीडीपी वृद्धि दर
गुजरात चुनाव के पहले मोदी को झटका, एडीबी ने गिराई जीडीपी वृद्धि दर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहली छमाही में देश की अर्थव्यवस्था के कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए बुधवार को एडीबी (एशियाई विकास बैंक) ने GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। एडीबी बैंक ने इस गिरावट के लिए अर्थव्यवस्था में लगातार आ रही गिरावट, पहली छमाही के कमजोर प्रदर्शन, नोटबंदी और GST के लागू होने को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान में भी बदलाव किया है। मार्च 2018 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। बता दें कि इससे पहले 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। इसके लिए वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और निजी क्षेत्र में सुस्त निवेश को कारण बताया है।
अपनी रिपोर्ट एशियर ग्रोथ आउटलुक में बैंक ने कहा, "2017-18 की पहली छमाही में वृद्धि दर कमजोर प्रदर्शन, GST लागू करने से सामने आईं चुनौतियों नोटबंदी का प्रभाव और 2017 में मॉनसून और कृषि जोखिमों के कारण अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने का अनुमान है। बता दें कि एडीबी ने इससे पहले वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।" एडीबी ने वित्त वर्ष 2017-18 की शेष बची दो तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार होने का अनुमान जताया है।
गौरतलब है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर सितंबर में समाप्त हुई दूसरी तिमाही में सुधरकर 6.3 प्रतिशत हो गई थी। पहली तिमाही में वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी। वहीं यूनाइटेड नेशन UN ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि जबर्दस्त निजी उपभोग, सार्वजनिक निवेश और संरचनात्मक सुधारों के कारण 2018 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत होगी, जबकि 2019 में यह बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। ये रिपोर्ट "वर्ल्ड इकोनोमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट 2018" ने तैयार की थी।