FIR दर्ज होने के बाद बेल्जियम के भारतीय बैंक से नीरव मोदी ने निकाली थी बड़ी रकम

FIR दर्ज होने के बाद बेल्जियम के भारतीय बैंक से नीरव मोदी ने निकाली थी बड़ी रकम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-30 08:08 GMT
FIR दर्ज होने के बाद बेल्जियम के भारतीय बैंक से नीरव मोदी ने निकाली थी बड़ी रकम

 

डिजिटल डेस्क । देश के दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक में हुए 12,607 करोड़ के घोटाला करने के भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी पर ED ने सख्त कार्रवाई की और FIR दर्ज की गई। बावजूद इसके नीरव ने बेल्जियम स्थित भारतीय बैंक की ब्रांच से मोटी रकम निकाली। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। नीरव मोदी ने बेल्जियम के एंटवर्प शहर में भारत की एक सरकारी बैंक की ब्रांच से मोटी रकम उस वक्त निकाली थी जब उसके खिलाफ  पहली FIR दर्ज की गई थी। मामला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि उसके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद 31 जनवरी 2018 को भारतीय बैंकों की सभी विदेशी शाखाओं को इस बारे में सावधान कर दिया गया था। 

CBI ने इसी तारीख को नीरव मोदी, उसके भाई नीशल मोदी, पत्नी अमि मोदी और चाचा मेहुल चोकसी के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में FIR दर्ज की थी। रिपोर्ट के मुताबिक जिस सरकारी बैंक से नीरव मोदी ने रकम निकाली, अधिकारियों ने उसके नाम का खुलासा अभी नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि नीरव मोदी के वहां से रकम निकालने के कुछ दिनों बाद ही उसके कुछ खातों को फ्रीज किया जा सका। 

अधिकारियों ने बताया, "हमें भी इस बारे में विश्वसनीय सूचना मिली है कि जब निकासी की ये घटना हुई, तो उस वक्त नीरव मोदी अमेरिका में थे। इस शख्स के बारे में सुराग मिला था और हमें इस बात की जानकारी भी दी रही थी. हालांकि, मार्च के पहले हफ्ते में जानकारी का ये सिलसिला टूट गया।"

पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड के मामले के बाद जांच एजेंसियों ने भारतीय बैंकों की वैसी विदेशी शाखाओं को लेकर जानकारी मांगी थी, जो नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी की कंपनियों के साथ बिजनेस कर रही थीं। CBI ने कहा था कि नीरव मोदी की अगुवाई वाली फायरस्टार ग्रुप कंपनियों को कंसोर्टियम के तहत क्रेडिट लिमिट (अधिकतम लोन की सीमा) की मंजूरी मिली। फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड के मामले में पंजाब नेशनल बैंक प्रमुख बैंक था और फायरस्टार डायमंड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खातों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया प्रमुख बैंक था।

 

 

शक के घेरे में ऑडिटर्स की भूमिका
 

अधिकारियों ने बताया, "नीरव मोदी, मेहुल चोकसी केस से संबंधित भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं के स्थानीय ऑडिटर्स को लेकर भी बैंक अधिकारियों से पूछताछ की गई है। वे नोस्ट्रो खाते के दुरुस्त होने संबंधी जरूरी दस्तावेज नहीं पेश कर पाए हैं। इसके अलावा, इस बात को भी सुनिश्चित करने के लिए दस्तावेज पेश नहीं किए जा सके कि संबंधित बैंकों के साथ लेनदेन को लेकर चेतावनी दी गई थी या नहीं। हमने हांगकांग में काम कर रहे दो बैंकों से जुड़े दस्तावेजों की मांग की थी, लेकिन अब तक उनका जवाब नहीं आया है। इस घोटाले के सिलसिले में तात्कालिक जांच के लिए हमें जरूरी सूचना उपलब्ध होने के बाद विदेशी शाखाओं से जुड़े ऑडिटर्स की भूमिका की भी जांच की जरूरत है।"

 

 

जांच की मौजूदा स्थिति

CBI ने बताया कि घोटाले के वक्त डिप्टी मैनेजर रहे गोकुलनाथ शेट्टी की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी मैनेजर (फॉरेक्स) और शाखा प्रमुख की थी। जांच एजेंसी का यह भी कहना था कि पंजाब नेशनल बैंक की इस शाखा के सभी लेनदेन पर रोजाना नजर रखने और गड़बड़ियों के बारे में तत्काल सूचित करने की जिम्मेदारी बैंक के आंतरिक चीफ ऑडिटर्स की भी थी।

CBI ने बताया, "लिहाजा, इस गड़बड़ी को रोकने में उनकी (ऑडिटर्स और अन्य संबंधित अधिकारी) नाकामी के कारण उनकी नाक के नीचे गतिविधियां चलती रहीं। ये पूरे घाटोले में प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीके से उनकी संलिप्तता की तरफ भी इशारा करता है." जांच एजेंसी ने दलील दी है कि इस घोटाले के मुख्य लाभार्थी- नीरव मोदी, अमि मोदी, नीशल मोदी और अन्य कानून की प्रक्रिया से बच रहे हैं। जाहिर तौर पर ये सभी असरदार और संसाधन संपन्न हैं।

CBI के नोट में आगे कहा गया है, "जांच एजेंससी इस केस की गहराई से जांच करने में जुटी है। पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों, नीरव मोदी ग्रुप के कर्मचारी, बाकी लोगों और अन्य बैंकों के गुमनाम अधिकारियों समेत तमाम अभियुक्तों का पूरी तरह से पता लगाया जाना और उन पर कार्रवाई होना अभी बाकी है। नीरव मोदी ग्रुप की तरफ से किए गए इस घोटाले पर 8 साल से ज्यादा तक किसी की नजर नहीं गई। ये बेहद असामान्य मामला है।"

Similar News