पायलटों के वेतन में 60 फीसदी कटौती की एयर इंडिया की योजना : यूनियन (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

पायलटों के वेतन में 60 फीसदी कटौती की एयर इंडिया की योजना : यूनियन (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

IANS News
Update: 2020-07-16 16:00 GMT
पायलटों के वेतन में 60 फीसदी कटौती की एयर इंडिया की योजना : यूनियन (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
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नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। एयर इंडिया के पायलटों के यूनियनों ने कहा है कि केंद्र के निर्देश पर एयरलाइन प्रबंधन पायलटों के प्रदर्शन के आधार पर वेतन में 60 फीसदी कटौती की योजना बना रही है।

इसे देखते हुए इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन और इंडियन पायलट्स गिल्ड ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया है कि यह योजना कुल वेतन में से 60 फीसदी कटौती की है।

एयर इंडिया के सीएमडी राजीव बंसल को लिखे पत्र में दोनों यूनियनों ने कहा है, पायलटों के कुल वेतन में 60 फीसदी कटौती की प्रस्तावित योजना है। यह जानना अपने आप में अत्यंत हास्यास्पद है कि शीर्ष प्रबंधन ने अपने वेतन में मात्र 3.5 फीसदी कटौती का प्रस्ताव किया है।

आईएएनएस के पास पत्र की एक प्रति मौजूद है, जिसमें कहा गया है, निदेशक कार्मिक के वेतन में मामूली चार फीसदी कटौती हुई है, वहीं एक सह-पायलट के वेतन में 60 फीसदी कटौती का प्रस्ताव दिया गया है। जबकि बाजार के मुकाबले उसे पहले से ही कम वेतन मिल रहा है। यह कैसे तर्कसंगत है? क्या यह निरंकुश लालच और स्वार्थीपन नहीं है?

16 जुलाई को लिखे पत्र में एयरलाइन प्रबंधन और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकों का भी जिक्र किया गया है।

दोनों यूनियन ने कहा है कि उन्होंने इच्छा जताई थी कि बाजार के हिसाब से वेतन में कटौती हो।

पत्र के अनुसार, यूनियनों ने कहा है, आपने (बंसल) हमें बताया था कि मंत्रालय ने आपसे कहा है कि पायलट के वेतन में 60 फीसदी की कटौती करें। लेकिन यह बाजार के मानक पर कहां सही ठहरता है।

पत्र में कहा गया है, अगर यह सही है तो हम मंत्री जी एवं प्रधानमंत्री जी से मिलना चाहते हैं और देश सेवा के लिए वे सभी प्रशंसा पत्र लौटाना चाहते हैं जो समय-समय पर उन्होंने दिए हैं। इन सबके बावजूद इस कठिन समय में हम देश की सेवा करते रहेंगे।

दोनों यूनियनों ने कहा है कि पायलटों को वेतन का 70 फीसदी अप्रैल 2020 से नहीं मिला है।

पत्र में कहा गया है, की जा चुकी सेवा पर पूर्व प्रभाव से वेतन कटौती की चर्चा करना गलत और एक कर्मचारी के लिए अपमानजनक है, जो कि कंपनी और देश के लिए वफादार रहा है। हम मांग करते हैं कि किसी आपसी समझौते पर पहुंचने तक प्रबंधन हमारे मौजूदा समझौतों का सम्मान करे।

पत्र में आगे कहा गया है, हम आपको याद दिलाना चाहते हैं कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और हम आशा करते हैं कि एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन सचिव देश के कानून का सम्मान करेंगे।

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