BSNL यूनियनों ने सरकार पर रिलांयस जियो की मदद करने का लगाया आरोप, 3 दिसंबर से हड़ताल

BSNL यूनियनों ने सरकार पर रिलांयस जियो की मदद करने का लगाया आरोप, 3 दिसंबर से हड़ताल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-28 16:19 GMT
BSNL यूनियनों ने सरकार पर रिलांयस जियो की मदद करने का लगाया आरोप, 3 दिसंबर से हड़ताल
हाईलाइट
  • AUAB ने 3 दिसंबर से अनिश्चित समय के लिए हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
  • AUAB ने केंद्र सरकार और रिलायंस जियो पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • यूनियन का आरोप है कि सरकार अन्य दूरसंचार कंपनियों की जगह रिलायंस जियो की मदद कर रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिलायंस जियो के आने के बाद से मार्केट में दूसरे टेलिकॉम कंपनियों की ब्रांड वैल्यू कम हो गई है। दूसरी टेलिकॉम कंपनियां को जियो से टक्कर के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हाल ही में वोडफोन और आइडिया जैसी कंपनियां जियो को टक्कर देने के लिए एक हुए थे। इसी कड़ी में ऑल यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल (AUAB) ने केंद्र सरकार और रिलायंस जियो पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यूनियन का आरोप है कि सरकार अन्य दूरसंचार कंपनियों की जगह रिलायंस जियो की मदद कर रही है। इसके विरोध में AUAB ने 3 दिसंबर से अनिश्चित समय के लिए हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। हालांकि इस आरोप पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।  

यूनियन ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के फाइनेंशियल प्रॉब्लम के लिए रिलायंस जियो जिम्मेदार है। कर्मचारी यूनियन ने कहा, सरकार ने BSNL को 4G स्पेक्ट्रम इसलिए नहीं बांटा क्योंकि वह नहीं चाहते थे सरकारी दूरसंचार कंपनी जियो को टक्कर दे सके। पूरा टेलिकॉम सेक्टर संकट में है। इसकी वजह मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो है। जियो के रेट ने मार्केट वैल्यू को बिगाड़ने का काम किया है। जियो चाहती है कि उनके सारे प्रतिद्वंदी मार्केट से हट जाएं। यूनियन ने कहा, टेलिकॉम कंपनियों में से टेलिनॉर, टाटा टेलीसर्विसेज, अनिल अंबानी की रिलायंस टेलिकम्युनिकेन और एयरसेल पहले ही बंद हो चुकी हैं।

यूनियन ने कहा कि आने वाले समय में रिलायंस जियो निश्चित रूप से रेट में बढ़ोतरी करेगी और जनता को लूटेगी। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, जियो को केंद्र सरकार से संरक्षण मिल रहा है। सरकार नहीं चाहती कि जियो के टक्कर में कोई कंपनी आए। इसलिए हम 3 दिसंबर से हड़ताल पर जा रहे हैं। बता दें कि AUAB काफी समय से 4G स्पेक्ट्रम की मांग कर रही है, लेकिन सरकार ने अभी तक उसे मंजुरी नहीं दी है। 
 

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