Budget 2020: 'हलवा रस्म' के साथ बजट की छपाई शुरू, 10 दिन तक वित्त मंत्रालय में रहेंगे कर्मचारी

Budget 2020: 'हलवा रस्म' के साथ बजट की छपाई शुरू, 10 दिन तक वित्त मंत्रालय में रहेंगे कर्मचारी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-20 10:18 GMT
Budget 2020: 'हलवा रस्म' के साथ बजट की छपाई शुरू, 10 दिन तक वित्त मंत्रालय में रहेंगे कर्मचारी
हाईलाइट
  • 1 फरवरी को पेश होगा 2020-21 का आम बजट
  • बजट के दस्तावेजों की छपाई शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय बजट की छपाई सोमवार को शुरू हो गई। बजट एक फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के बजट बनाने से जुड़े सभी अधिकारी, कर्मचारी अब 10 दिन यानी बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय में ही रहेंगे। बजट के पेश होने से पहले हर साल हलवा रस्म का भी आयोजन किया जाता है। हलवा रस्म में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर शामिल हुए। हलवा रस्म का आयोजन नार्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय में किया गया। हवला रस्म में वित्त मंत्रालय में लोहे के बड़े पात्र में तैयार हलवा मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के साथ-साथ वित्तमंत्री को भी परोसा गया।

सीतारमण करेंगी दूसरा बजट पेश
सीतारमण 1 फरवरी को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। इससे पहले उन्होंने जुलाई 2019 में चुनाव बाद बजट पेश किया था। एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, रेलवे, कृषि, सिंचाई, मोबिलिटी, स्वास्थ्य, जल में निवेश के प्रावधान किए जाने की उम्मीद है। बीती तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 फीसदी रही। ऐसे में सरकार का मकसद मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में सुधार करने पर है। ऐसा कैसे किया जाएगा, इसे देखना बाकी है।

माना जा रहा है कि मोदी सरकार का बजट 2020 काफी चुनौतीपूर्ण होगा, इसका कारण अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती है। बता दें कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में सुस्ती जारी है, वहीं अन्य सेक्टर्स में भी हालात ठीक नहीं है। ऐसे में इस बजट सत्र से सभी देशवासियों को काफी उम्मीदें हैं। आइए जानते हैं इस बजट सत्र से जुड़ी खास बातें और उन उम्मीदों के बारे में, जो बजट 2020 से की जा रही हैं...

स्वास्थ्य के क्षेत्र में
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या चिकित्सकों की ​है, बीते दिनों राजस्थान के कोटा सहित अन्य राज्यों के अस्पतालों में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की कमी बड़ी समस्या के रूप में सामने आई है। ऐसे में आमजन को उम्मीद है कि सरकार इस क्षेत्र में नई योजनाओं को लाकर डॉक्टरों की कमी को दूर करने के साथ चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध कराएगी। 

हालांकि मोदी सरकार ने अच्छी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को हमेशा प्राथमिकता में रखा है। इसके लिए दो साल पहले बजट में देश के 50 करोड़ से अधिक गरीबों को पांच लाख रुपए तक मुफ्त और कैशलेस इलाज मुहैया कराने के लिए आयुष्मान भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की गई थी। जिसमें से अभी तक योजना के तहत 70 लाख से अधिक गरीबों का इलाज हो चुका है। 

ऑटोमोबाइल सेक्टर
वर्ष 2019 में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी देखने को मिली, जो कि अभी भी जारी है। ऐसे में ऑटो सेक्टर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट 2020 में टैक्स में राहत देने की मांग की है। ऑटो कंपनियों के संगठन सोसाइटी आफ ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स यानी सियाम ने कहा है कि ऑटो सेक्टर का संकट दो दशक के सबसे खराब दौर में है।

इस उद्योग ने मोदी सरकार से बजट 2020 में वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाने, लिथियम आयन बैटरी सेल पर शुल्क समाप्त करने की मांग की है। वाहन उद्योग ने मांग की है कि बीएस-6 वाहनों पर जीएसटी की दर को अप्रैल से 28 से घटाकर 18 फीसदी किया जाए। कुल मिलाकर ये कि बजट 2020 से ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी काफी उम्मीदें हैं। 

उद्योग जगत को उम्मीदें
आने वाले आम बजट से ना सिर्फ आम आदमी बल्कि उद्योग जगत को भी काफी उम्मीदें हैं। इनमें माल और सेवा कर (जीएसटी) दर को तर्कसंगत बनाना, समग्र किफायती आवास खंड को बढ़ावा देना और एनबीएफसी को सहारा देना सरकार द्वारा किए गए कुछ अन्य सकारात्मक कदम हैं। 

बात करें रियल एस्टेट सेक्टर की तो इसमें भी कई सुधार की जरूरत है। हालांकि, सरकार की ओर से रियल एस्टेट सेक्टर को आर्थिक तंगी से निकालने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। लेकिन इस सेक्टर को भी बजट 2020 में सरकार से कई उम्मीदें हैं।

आम आदमी को उम्मीदें 
अर्थव्यवस्था लंबे समय से मंदी के खिलाफ संघर्ष कर रही है और ऐसे समय में कई क्षेत्रों में आई कमजोरी के कारण कई उद्योग बंद हुए हैं। इनका नुकसान ना सिर्फ उद्योग जगत को हुआ, बल्कि भरपाई लाखों लोगों को अपनी नौकरी देकर करना पड़ी है।

बजट 2020 से आमजन, स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जाएंगे, जिससे बंद हुए कारखाने फिर से चालू अवस्था में वापस आ सकें और बेरोजगार हुए लोगों के साथ नए लोगों को भी रोजगार मिल सके।

महिलाओं को उम्मीदें 
महंगाई का असर किचन पर भी पड़ा है, ऐसे में इस बजट में किचन का सामान सस्ता किए जाने की उम्मीद महिलाओं को है। महिलाएं चाहती हैं कि रोजाना के इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे दाल, चावल, गेहूं, फल, चीनी, सब्जी, तेल जैसी पर कम पैसे खर्च करने पड़ें।

बता दें कि साल 2019 के आखिर में प्याज के दाम आसमान पर रहे। जिसको लेकर कई बाद प्रदर्शन भी हुए। हालांकि प्याज के दाम नीचे लाने के प्रयास में सरकार ने विदेश भी प्याज मंगाई। लेकिन खाने में उपयोग होने वाला तेल भी अपनी कीमतों को लेकर उछाल देता रहा। ऐसे में महिलाओं को भी इस बजट से कई उम्मीदें हैं।

पीएम मोदी ने मांगे हैं सुझाव
आमजन को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आने वाले इस बजट से उम्मीदें होना लाजमी है, हालांकि यह बजट जनता की उम्मीदों पर खरा उतर सके और बेहतर हो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से आम बजट पर सुझाव और विचार मांगे हैं।

बता दें कि बीते दिनों प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट कर कहा था, कि "केंद्रीय बजट 130 करोड़ भारतियों की आकांक्षांओं का प्रतिनिधित्व करता है और भारत के विकास के लिए एक पथ का निर्माण करता है। मैं आप सभी को MyGov पर इस साल के बजट के बारे में सुझाव व विचार साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूं।


 

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