EU ने गूगल पर लगाया 4.3 बिलियन यूरो का जुर्माना, फेयर ट्रेड न करने का आरोप

EU ने गूगल पर लगाया 4.3 बिलियन यूरो का जुर्माना, फेयर ट्रेड न करने का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-18 15:08 GMT
EU ने गूगल पर लगाया 4.3 बिलियन यूरो का जुर्माना, फेयर ट्रेड न करने का आरोप
हाईलाइट
  • गूगल पर लगा स्मार्ट फोन मेन्युफेक्चर्स पर दबाव बनाने का आरोप।
  • गूगल पर 4.3 बिलियन यूरो (करीब 34
  • 308 करोड़ रुपये) का भारी भरकम ऐंटीट्रस्ट फाइन लगाया है।
  • गूगल पर ये जुर्माना गैरकानूनी तरीके से ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल अपने सर्च इंजन के फायदे के लिए करने के आरोप में लगाया है।

डिजिटल डेस्क, ब्रसेल्स। यूरोपियन यूनियन रेगुलेटर ने अल्फाबेट की स्वामित्व वाली कंपनी गूगल पर 4.3 बिलियन यूरो (करीब 34,308 करोड़ रुपये) का भारी भरकम ऐंटीट्रस्ट फाइन लगाया है। गूगल पर ये जुर्माना गैरकानूनी तरीके से ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल अपने सर्च इंजन के फायदे के लिए करने के आरोप में लगाया है। यूरोपीय यूनियन के कमिश्नर मारग्रेथ वेस्टेजर ने कहा कि गूगल स्मार्ट फोन मेन्युफेक्चर्स पर दबाव डालता रहा है कि वह अपने ऐप स्टोर "प्ले" के साथ बंडल में अपना ब्राउजर गूगल क्रोम और गूगल सर्च भी डाले। यह यूरोपीय यूनियन के ऐंटीट्रस्ट नियमों के हिसाब से गैरकानूनी है। बता दें कि पिछले साल भी यूरोपियन कॉम्पटीशन कमीशन ने गूगल पर 2.7 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था। ये जुर्माना गूगल को अपनी ऑनलाइन शॉपिंग एड की वजह से झेलना पड़ा था।

90 दिनों का दिया गया है वक्त
गूगल फोन कंपनियों को पहले से गूगल सर्च इंस्टॉल करने के लिए धनराशि भी देता है। गूगल को कमीशन की ओर से इस इल-लीगल ऑटोनॉमी को खत्म करने के लिए 90 दिनों की समय दिया गया है। अगर गूगल ने ऐसा नहीं किया तो इस पेनाल्टी के अलावा उसे एक अलग पेनाल्टी भी झेलनी होगी। इस दंड के मुताबिक गूगल अगर दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसे जुर्माने के तौर पर अपनी एक दिन की आमदनी का 5 प्रतिशत देना होगा। गूगल इस जुर्माने के खिलाफ अपील करेगा। गूगल के प्रवक्ता अल वर्नी ने कहा, "ऐंड्रॉयड लोगों को ज्यादा विकल्प देने के लिए बनाया गया है। यह रैपिड इनोवेशन और अच्छी सुविधाओं की कीमत कम करने में मदद करता है।"

क्या कहा गूगल के CEO ने?
गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने इस फैसले के बाद एक ब्लाग लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि तेजी से नवाचार, व्यापक पसंद और गिरती कीमतें मजबूत प्रतिस्पर्धा के क्लासिक हॉलमार्क हैं। एंड्रॉइड ने ये सब किया है और सभी को ज्यादा विकल्प दिए हैं। यही कारण है कि हम आज के एंड्रॉइड फैसले को लेकर गूगल अपील करना चाहता है।  

 

 

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