अब हिंदुस्तान यूनिलीवर बेचेगी हॉर्लिक्स, 31700 करोड़ में हुआ सौदा

अब हिंदुस्तान यूनिलीवर बेचेगी हॉर्लिक्स, 31700 करोड़ में हुआ सौदा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-03 13:20 GMT
अब हिंदुस्तान यूनिलीवर बेचेगी हॉर्लिक्स, 31700 करोड़ में हुआ सौदा
हाईलाइट
  • HUL ने GSK इंडिया को 31 हजार 700 करोड़ रुपए में खरीदा।
  • HUL ने रविवार को देश की सबसे बड़ी कन्ज्यूमर गुड्स मार्केट डील की है।
  • HUL ने हॉर्लिक्स बनाने वाली कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन इंडिया (GSK) को खरीद लिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने रविवार को देश की सबसे बड़ी कन्ज्यूमर गुड्स मार्केट डील की है। HUL ने हॉर्लिक्स बनाने वाली कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन इंडिया (GSK) को खरीद लिया है। कन्ज्यूमर गुड्स कंपनी HUL ने GSK इंडिया को 31 हजार 700 करोड़ रुपए में खरीदा। बता दें कि हॉर्लिक्स यूके का प्रोडक्ट है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा बिक्री भारत में होती है।

HUL के चेयरमैन ने इस डील की पुष्टि करते हुए कहा, "GSK इंडिया के साथ हमारी डील काफी महत्वपूर्ण है। इस डील से हमें अपने पोर्टफोलियो को नए सिरे से तैयार करने में मदद मिलेगी। हम अब नई कैटगरी के प्रोडक्ट्स बनाएंगे और ब्रैंड्स को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। हम कोशिश करेंगे ग्राहकों को जरूरी न्यूट्रिएंट मिल सके। इस डील से हमारा फूड एंड रीफ्रेशमेंट बिजनेस बढ़कर 10 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा। हम कन्ज्यूमर गुड्स मार्केट में सबसे बड़ी कंपनियों में शूमार होंगे।"

इस डील में GSK कन्ज्यूमर इंडिया के एक शेयर के मुकाबले HUL के 4.39 शेयर रखे गए। GSK न केवल हॉर्लिक्स बनाती है, बल्कि न्यूट्रिशन बिजनस, सेंसोडाइन जैसे ओरल केयर ब्रांड, ईनो और क्रोसीन जैसे प्रोडक्ट्स भी बनाती है। HUL ने इस डील से इन सभी का भारत में डिस्ट्रीब्यूशन कॉन्ट्रैक्ट खरीद लिया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब हॉर्लिक्स बिक रही है। इससे पहले हॉर्लिक्स की शुरुआत करने वाले दो ब्रिटिश भाइयों ने 1969 में इसे GSK को बेच दिया था। तब से GSK ही इसे ऑपरेट कर रही है।

इस तरह भारत पहुंचा हॉर्लिक्स
बता दें कि हॉर्लिक्स कंपनी का नाम इसकी शुरुआत करने वाले दो भाइयों विलियम हॉर्लिक और जेम्स हॉर्लिक के नाम पर रखा गया था। यह दोनों इंग्लैंड के रहने वाले थे। दोनों ने 1873 में मॉल्टेड मिल्क ड्रिंक बनाने वाली कंपनी JW हॉर्लिक्स की शुरुआत की थी। इस कंपनी का प्रोडक्ट लिक्विड में आसानी से मिक्स हो जाता था। इसके बाद भारत में हॉर्लिक्स की एंट्री दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान हुई थी। ब्रिटिश आर्मी के भारतीय सैनिक इसे अपने साथ लाए थे। धीरे-धीरे इस कंपनी ने भारत में अपनी पैठ जमानी शुरू कर दी। भारत के अमीर लोगों ने इसे खरीदना शुरू कर दिया और यह उनका स्‍टेटस सिंबल भी बन गया।

 

 

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