इंडियन इकॉनमी में सुधार के लिए IMF के ये 3 सुझाव
इंडियन इकॉनमी में सुधार के लिए IMF के ये 3 सुझाव
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आईएमएफ ने तीन सुझाव दिए हैं। आईएमएफ में एशिया प्रशांत विभाग के उप निदेशक केनेथ कांग ने कहा कि एशिया का परिदृश्य अच्छा है और यह मुश्किल सुधारों के साथ भारत को आगे ले जाने के लिए सही अवसर है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के लिए त्रिपक्षीय ढांचागत सुधार दृष्टिकोण अपनाने की बात कही है। इसमें श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता को बेहतर करना, कारपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र को कमजोर हालत से बाहर निकालना, और राजस्व संबंधी कदमों के माध्यम से वित्तीय एकीकरण को जारी रखना शामिल है।
कांग ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ‘‘ढांचागत सुधारों के मामले में तीन नीतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।’’ जिसमें पहला कारपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र की हालत को बेहतर करना है। दूसरी प्राथमिकता भारत को राजस्व संबंधी कदम उठाकर अपने राजकोषीय एकीकरण की प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए। जबकि तीसरी प्राथमिकता बुनियादी ढांचा अंतर को पाटने के लिए ढांचागत सुधारों की गति बनाए रखना और श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता का विस्तार होना चाहिए। साथ ही सब्सिडी के बोझ को भी कम करना चाहिए।
कांग ने निवेश और रोजगार की खातिर अधिक अनुकूल माहौल बनाने के लिए बाजार नियमनों में सुधार पर भी जोर दिया। उन्होंने श्रम कानूनों की संख्या घाटने की भी बात कही।
कांग ने कहा कि भारत को लिंगभेद को खत्म करने भी ध्यान देना चाहिए। ताकि देश में अधिकतर महिलाएं रोजगार पा सकें। गौरतलब है कि आईएमएफ ने कुछ दिनों पहले कहा था कि भारत में निकट भविष्य में वृद्धि की संभावना अनुकूल है। हालांकि, कुछ आर्थिक असंतुलन अब भी कायम है।