PwC Report : क्या भारत 2019 में ब्रिटेन को पछाड़कर बनेगा विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था

PwC Report : क्या भारत 2019 में ब्रिटेन को पछाड़कर बनेगा विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-20 15:42 GMT
PwC Report : क्या भारत 2019 में ब्रिटेन को पछाड़कर बनेगा विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था
हाईलाइट
  • इसका कारण है ब्रिटेन का ब्रेग्जिट से बाहर निकलना जो उसकी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर डाल रहा है।
  • क्या भारत 2019 में ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
  • ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी की माने तो ये संभव है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या भारत 2019 में ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी की माने तो ये संभव है। इसका कारण है ब्रिटेन का ब्रेग्जिट से बाहर निकलना जो उसकी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। ऐसे में इसका फायदा भारत को मिल सकता है। बता दें कि भारत ने 2017 में फ्रांस को पछाड़कर छठा स्थान हासिल किया था। फिलहाल इस रैंकिंग में अमेरिका पहले, चीन दूसरे और जापान तीसरे और जर्मनी चौथे स्थान पर है।  

पीडब्ल्यूसी की इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2019 में ब्रिटेन की वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 1.6, फ्रांस की 1.7 और भारत की 7.6 प्रतिशत रह सकती है। इससे ग्लोबल रैंकिंग में ब्रिटेन पांचवें स्थान से फिसलकर सातवें पायदान पर पहुंच जाएगा। फिलहाल अमेरिका की जीडीपी 1381 लाख करोड़ रुपए, चीन की 871 लाख करोड़, जापान की 347 लाख करोड़, जर्मनी की 261 लाख करोड़, ब्रिटेन की 186 लाख करोड़, भारत की 184 लाख करोड़ और फ्रांस की जीडीपी 183 लाख करोड़ रुपए है। 

पीडब्ल्यूसी के वरिष्ठ अर्थशास्त्री माइक जैकमेन ने कहा कि भारत मौजूदा समय में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के रानेन बनर्जी ने कहा कि यदि कोई बड़ी अड़चन नहीं आती है तो 2019-20 में भारत 7.6 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि की ओर लौटेगा। जनसंख्या के साथ अनुकूल जनसांख्यिकी भारत को मजबूती प्रदान करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ही स्तर के विकास और कमोबेश समान आबादी की वजह से इस सूची में ब्रिटेन और फ्रांस आगे पीछे होते रहते हैं। लेकिन यदि भारत इस सूची में आगे निकलता है तो उसका स्थान स्थायी रहेगा।     

पीडब्ल्यूसी के विशेषज्ञ मानते हैं कि 2019 में वैश्विक स्तर पर मंदी रहने के आसार हैं, क्योंकि जी-7 देशों की विकास दर औसत ही दिखाई दे रही है। एजेंसी का मानना है कि 2016 के आखिर से 2018 की शुरुआत के बीच वैश्विक स्तर पर जो तेजी दिखाई दी थी वो अब थम चुकी है। विश्व की सारी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी 2019 में औसत के आसपास रहने के आसार दिख रहे हैं।  

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