औद्योगिक उत्पादन 9 महीने के अधिकतम स्तर पर, महंगाई दर स्थिर

औद्योगिक उत्पादन 9 महीने के अधिकतम स्तर पर, महंगाई दर स्थिर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-12 16:14 GMT
औद्योगिक उत्पादन 9 महीने के अधिकतम स्तर पर, महंगाई दर स्थिर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खनन और विद्युत उत्पादन क्षेत्र की इकाइयों के उम्दा प्रदर्शन के चलते औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) अगस्त में 4.3 फीसदी के पिछले नौ माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। गुरूवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार तेल और खाद्यान्न मूल्यों में नर्मी की वजह से सितंबर में कंज्युमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) या खुदरा मुद्रा स्फीति की दर 3.28 फीसदी पर स्थिर रही। पिछले माह भी इसकी यही दर रही थी। जबकि पिछले साल की इसी अवधि में इसकी दर 4.39 फीसदी रही है। 

मुद्रा स्फीति की दर में गिरावट 
देश में खुदरा मूल्य स्फीति की दर सितंबर में स्थिर रही, जबकि औद्योगिक उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय सांख्यकी आफिस (सीएसओ) के गुरूवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पांच माह लगातार वृद्धि के बाद मुद्रा स्फीति की दर गिरावट के साथ 3.28 फीसदी के स्तर पर आ गई है। विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान लगाया था कि अगस्त की मुद्रा स्फीति की दर में कुछ वृद्धि हो सकती है, लेकिन इसकी दर चार फीसदी से ज्यादा नहीं रहेगी। 

खाद्य पदार्थों में गिरावट का रुख
खाद्य़ पदार्थों की महंगाई में 1.52 फीसदी से 1.25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 15 आधार अंकों की या 0.15 फीसदी माह दर माह गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर में खाद्य पदार्थों के मूल्यों में 1.36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में यह गिरावट लगातार पांच माह के चढ़ाव के बाद आई है। 

औद्योगिक उत्पादन बढ़ा
इस बीच औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में अगस्त माह में बढ़ कर 4.3 फीसदी हो गया, जबकि जुलाई में इसकी दर 1.2 फीसदी दर्ज की गई थी। उल्लेखनीय है कि औद्योगिक उत्पादन दर नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने के बाद की नकारात्मक परिस्थिति से बाहर निकली है। विनिर्माण क्षेत्र के 23 औद्योगिक समूहों में कम से कम दस ने अगस्त माह में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। मुद्रा स्फीति की दर में गिरावट से रिजर्व बैंक पर अपनी दरें घटाने का दबाव बनेगा।

विनिर्माण क्षेत्र में भी दिखा सुधार
अगस्त महीने में विनिर्माण क्षेत्र का आउटपुट ग्रोथ पिछले साल की तुलना में 5.5 प्रतिशत से घटकर 3.1 प्रतिशत रह गया है। विनिर्माण क्षेत्र का आईआईपी में 77.63 प्रतिशत का योगदान होता है। अगस्त महीने में खनन और विद्युत क्षेत्र के आउटपुट में पिछले साल के मुकाबले क्रमशः 9.4 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जुलाई में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में विनिर्माण क्षेत्र में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच आईआईपी ग्रोथ का औसत 2.2 प्रतिशत रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 5.9 प्रतिशत था। इस बीच जुलाई महीने में आईआईपी ग्रोथ के आंकड़ों को संशोधित किया गया है। पहले 1.2 प्रतिशत की वृद्धि का आकलन किया गया था जिसे संशोधित करके 0.94 किया गया।

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