31 मार्च तक आधार को बैंक खातों, मोबाइल नंबरों से करें लिंक : सुप्रीम कोर्ट

31 मार्च तक आधार को बैंक खातों, मोबाइल नंबरों से करें लिंक : सुप्रीम कोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-23 08:24 GMT
31 मार्च तक आधार को बैंक खातों, मोबाइल नंबरों से करें लिंक : सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । आधार को बैंकिंग और मोबाइल फोन जैसी कई तरह की सुविधाओं से लिंक के लिए तय की गई अंतिम तारीख को 31 मार्च 2018 से आगे बढ़ाने की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कई वक्त से आधार लिंकिंग मामले में तारीखों को लेकर चल रही खींचतान को अब SC अंतिम रूप देना चाह रही है। आपको बता दें कि अपील में ये दलील दी गई थी कि 12 अंकों वाले यूनीक आइडेंटिटी नंबर (आधार) से अहम सर्विसेज को जोड़ने की अनिवार्यता के खिलाफ दाखिल सभी याचिकाओं पर सुनवाई अगले महीने के अंत तक पूरी नहीं हो पाएगी। 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली पांच जजों की बेंच ने गुरुवार को आधार के खिलाफ कानूनी लड़ाई की अगुवाई कर रहे वरिष्ठ ऐडवोकेट श्याम दीवान की अपील को खारिज कर दिया। हालांकि आधार ऐक्ट 2016 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले 15 दिनों से सुनवाई कर रही बेंच ने ये भी संकेत दिया कि सुनवाई पूरी करते वक्त सभी संबंधित पक्षों की चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा। 

बेंच ने मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब तक सिर्फ आधार एक्ट को खत्म किए जाने की मांग रहे लोगों ने ही अदालत के सामने अपनी बात रखी है। इनकी दलीलें पूरी होने के बाद सरकार और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को आधार के पक्ष अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। 

अदालत में आधार का विरोध करनेवालों का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मण्यन ने दलील दी कि किसी आपराधिक मामले में जरूरत को छोड़ दें तो सरकार किसी भी मामले में बायोमीट्रिक्स के लिए जोर नहीं दे सकती क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऑर्डर जारी कर चुका है कि किसी को ऐसी सूचनाएं देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता अगर उन पर किसी अपराध में शामिल होने का आरोप नहीं है। 

गौरतलब है कि यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने बायोमेट्रिक डाटा को सुरक्षित रखने के लिए एक नई सुरक्षा लेयर को पेश किया था, जिसे Virtual ID (VID) नाम दिया गया। आधार डाटा की सुरक्षा को लेकर पिछले कुछ समय से कई बड़े मुद्दे सामने आ रहा हैं, और इसी को ध्यान में रखते हुए, और आपके डाटा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने इस कदम को उठाया था।

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