ATM से तय लिमिट से ज्यादा निकाला पैसा तो लगेगा GST, क्रेडिट कार्ड बिल की लेट फीस पर भी झटका

ATM से तय लिमिट से ज्यादा निकाला पैसा तो लगेगा GST, क्रेडिट कार्ड बिल की लेट फीस पर भी झटका

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-04 07:47 GMT
ATM से तय लिमिट से ज्यादा निकाला पैसा तो लगेगा GST, क्रेडिट कार्ड बिल की लेट फीस पर भी झटका
हाईलाइट
  • क्रेडिट कार्ड बिल के लेट पेमेंट पर 18% GST लगाया जाएगा।
  • चेक बुक जारी करने और ATM से पैसे निकालने जैसी बैंकों की मुफ्त सेवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
  • वित्त मंत्रालय के जरिए जारी बैंकिंग
  • बीमा और स्टॉक ब्रोकिंग पर जारी किए फ्रीक्वेंटली आंसर्ड क्वेश्चन (FAQ) में ये साफ कर दिया गया है।

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली । जब से लागू पूरे देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स  (GST) लागू हुआ है तब से बिल्स और कई चीजों के दामों में उठापटक चल रही है। कई चीजों पर GST लागू हुआ है। जिससे कई चीजें महंगी हुई है और कुछ सस्ती, लेकिन अब GST का एक और झटका लग गया है। दरअसल क्रेडिट कार्ड बिल के लेट पेमेंट पर 18% GST लगाया जाएगा। अब तक फ्री दी जा रही सभी तरह की बैंकिंग सर्विसेस पर जीएसटी लगाया जाएगा। यानी अगर ATM से तय लिमिट से ज्यादा कोई कैश निकालता है, तो उस पर जीएसटी लगेगा। वहीं एक राहत की खबर ये है कि चेक बुक जारी करने और ATM से पैसे निकालने जैसी बैंकों की मुफ्त सेवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

 

 

 

वित्त मंत्रालय के जरिए जारी बैंकिंग, बीमा और स्टॉक ब्रोकिंग पर जारी किए फ्रीक्वेंटली आंसर्ड क्वेश्चन  (FAQ) में ये साफ कर दिया गया है। इसके मुताबिक सिक्युरिटाइजेशन और डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट भी GST के दायरे से बाहर हैं। इस स्पष्टीकरण के बाद बैंकों की मुफ्त सेवाओं पर टैक्स का विवाद सुलझ गया है।

 

 

विभाग ने कहा कि प्रतिभूतिकरण, डेरिवेटिव्स और वायदा सौदों से जुड़े लेन-देन को भी GST दायरे से बाहर रखा गया है। वित्तीय सेवा विभाग ने पिछले महीने इस संबंध में राजस्व विभाग से संपर्क किया था।

बता दें FAQ काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि GST के दृष्टिकोण से वित्तीय सेवाओं को सबसे जटिल माना जाता है। बैंकों को उनके ग्राहको से सर्विस टैक्स नोटिस मिलने पर पिछले महीने वित्त विभाग ने रेवेन्यू विभाग से एटीएम ट्रांजेक्शन को जीएसटी से बाहर करने की मांग की थी

 

 

किसने किया था टैक्स न लगाने का आग्रह?

पिछले महीने GST महानिदेशालय की तरफ से एक्सिस बैंक, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक समेत कई बड़े बैंकों को मुफ्त सेवाओं पर टैक्स चुकाने का नोटिस दिया गया था। बैंकों को 2012-17 की अवधि के लिए टैक्स देने को कहा गया था।

इसके बाद वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से इन सेवाओं (चेक बुक और एटीएम) पर स्थिति स्पष्ट करते हुए टैक्स न लगाने का आग्रह किया था। बैंकिंग सेवाएं वित्तीय सेवा विभाग और GST राजस्व विभाग के अधीन आते हैं। दोनों विभाग वित्त मंत्रालय के अंतर्गत हैं।

बैंक मिनिमम बैलेंस रखने पर ग्राहकों को कुछ सुविधाएं मुफ्त देते हैं। इसमें महीने में तीन से पांच बार एटीएम से पैसे निकालना, डेबिट कार्ड जारी करना, सीमित संख्या में चेक बुक देना भी शामिल हैं। बैंकों की समस्या थी कि वे ग्राहकों से बैक डेट से टैक्स नहीं वसूल सकते। हालांकि, इसके लागू होने पर टैक्स का बोझ ग्राहकों पर ही आता।

 

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