'फेक न्यूज' देने वाले मीडिया हाउसेस को नहीं मिलेगा विज्ञापन

'फेक न्यूज' देने वाले मीडिया हाउसेस को नहीं मिलेगा विज्ञापन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-03 14:40 GMT
'फेक न्यूज' देने वाले मीडिया हाउसेस को नहीं मिलेगा विज्ञापन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फेक रिपोर्टिंग करते हुए फेक न्यूज चलाने वाले मीडिया संस्थानों के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने बड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। मोदी सरकार ने इन फेक संस्थानों पर लगाम लगाने का निर्णय लेते हुए इन्हें विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है। आधिकारिक विज्ञापन जारी करने पर प्रतिबंध कुछ तय वक्त के लिए होगा, जो कि रिपोर्टिंग या खबर की गंभीरता पर निर्भर करेगा।

 

जानकारी के अनुसार अनैतिक रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया संस्थानों को विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (DAVP) के विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाई जाएगी। हालांकि, अभी तक इस गलत इरादे और फर्जी खबरों का मतलब स्पष्ट नहीं है कि इसमें क्या आएगा और क्या नहीं। एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक DAVP इस काम के लिए भारतीय प्रेस परिषद और पत्र सूचना कार्यालय (प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो) की मदद लेगा।

 

‘द न्यू प्रिंट मीडिया एडवर्टाइजमेंट पॉलिसी 2016’ की धारा 25 का इसके लिए संशोधन किया जाएगा। प्रस्तावित संशोधन में फर्जी और गलत इरादे से प्रकाशित की गई खबरों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी शामिल होगा। कार्रवाई के दौरान DAVP अधिकारी उस खबर की जांच-पड़ताल के मामले में पूछताछ भी कर सकेंगे।

 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय बीते साल नई विज्ञापन नीति लेकर आया था, जिसमें उसने अखबारों और पत्रिकाएं के प्रसार के आंकड़ों को जांचने का फैसला किया था, जिसमें विज्ञापन जारी करने से पहले ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (ABC) या रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया (RNI) भी शामिल थे।

 

फिलहाल प्रिंट मीडिया पॉलिसी की धारा 25 कहती है कि अगर अखबार को अपनी प्रसार संख्या की गलत सूचना छापते, प्रकाशन बीच में रोकने, पत्रिकाओं के प्रकाशन का वक्त बदल देता है या फिर बिना सूचना के अपने दफ्तर/प्रेस का पता बदल देता है, तो उसे DAVP से विज्ञापन मिलने पर रोक लग जाती है।

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