PNB स्कैम : 12000 की सैलरी पाने वालों ने चौकसी को दिलाया 2500 करोड़ का लोन!

PNB स्कैम : 12000 की सैलरी पाने वालों ने चौकसी को दिलाया 2500 करोड़ का लोन!

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-05 07:49 GMT
PNB स्कैम : 12000 की सैलरी पाने वालों ने चौकसी को दिलाया 2500 करोड़ का लोन!

 

डिजिटल डेस्क, मुंबई । पंजाब नेशनल बैंक में हुए 13400 करोड़ रुपए के घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। मामले में आरोपी मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स को लेकर पता चला है कि उसके मुख्य लेनदारों ने करीब 2500 करोड़ रुपए का लोन लिया था, जबकि इन डायरेक्टर्स की 12000-15000 रुपए महीने की तनख्वाह पाने वाले लोग हैं।

कैसे लिया गया इतना बड़ा लोन

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गीतांजलि जेम्स को लोन देने वाली कंपनियां एशियन इम्पैक्स, प्रीमियर इंटरट्रेड और आइरिश मर्केन्टाइल के कुछ बेहद ही कम तनख्वाह पाने वाले डायरेक्टर्स ने चेक में छूट दी। ऐसे में मामला शैल कंपनियों से जुड़ा हुआ लगता है। बता दें कि दिवालिया संबंधी नियमों के मुताबिक, एक संचालक लेनदार वो व्यक्ति या ईकाई होता है, जिसका संचालित ऋण बकाया है और इसमें वो व्यक्ति भी शामिल होता है, जिसे यह ऋण कानूनी तौर पर स्थानांतरित किया जाता है। ये लोग किसी भी कंपनी या देनदार के लिए सामान या सर्विस के सप्लायर होते हैं। ऐसे में, बेहद कम तनख्वाह पाने वाले लोगों के लेनदार कंपनियों में डायरेक्टर्स होना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

जांच में सामने आया है कि, ये तीनों फर्म ( एशियन इम्पैक्स, प्रीमियर इंटरट्रेड और आइरिश मर्केन्टाइल) अप्रत्यक्ष रूप से चौकसी के जरिए ही मैनेज की जा रही थीं। इनका इस्तेमाल लोन की रकम को बांटने के लिए किया गया होगा। लेनदारों की भुगतान राशि पिछले एक साल में काफी बड़ी थी। 31 मार्च 2017 को ये राशि 3859 करोड़ थी, जबकि एक साल पहले ये सिर्फ 1548 करोड़ रुपए ही थी। आपको बता दें कि हाल ही में नीरव मोदी को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ था। ईडी के मुताबिक, नीरव मोदी ने 17 फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल कर साल 2017 में 5921 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की।

 

 

 

जांच एजेंसियों ने दर्ज किए कथित डायरेक्टर्स के बयान

 

फिलहाल, जांच एजेंसियों ने इन कथित डायरेक्टर्स के बयान दर्ज किए हैं। सूत्रों के अनुसार, ये कथित डायरेक्टर्स साउथ मुंबई के ओपेरा हाउस में डायमंड सॉर्टर्स के तौर पर काम करते हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि ऋण देने वाली कंपनियां मेहुल चौकसी की ही हैं और चौकसी ने ऋण को डायवर्ट करने के लिए ही इन शैल कंपनियों का इस्तेमाल किया। वहीं, मेहुल चौकसी के वकील संजय एबॉट का कहना है कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है, इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। उल्लेखनीय है कि मेहुल चौकसी और उनके भांजे नीरव मोदी पीएनबी में हुए एलओयू घोटाले के बाद सीबीआई और ईडी की जांच के दायरे में आ गए हैं। दोनों ही आरोपी फिलहाल देश से बाहर हैं और पीएनबी घोटाले के खुलासे से कुछ हफ्ते पहले ही वो विदेश चले गए थे।

गीतांजलि जेम्स के प्रोमोटर मेहुल चौकसी के वकील से जब इस मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी कई जांच कंपनियों के निशाने पर हैं। इन लोगों ने लेटर ऑफ अंडरस्टैडिंग के जरिए फर्जी तरीके से बैंकों के पैसे लिए हैं। CBI और ED इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

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