नोटबंदी, GST और RERA की वजह से घर हुए सस्ते, पुणे में सबसे ज्यादा

नोटबंदी, GST और RERA की वजह से घर हुए सस्ते, पुणे में सबसे ज्यादा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 07:28 GMT
नोटबंदी, GST और RERA की वजह से घर हुए सस्ते, पुणे में सबसे ज्यादा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने जब 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू की, तो इसका पुरजोर विरोध हुआ, लेकिन अब यही नोटबंदी लोगों के लिए फायदेमंद हो रही है। नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटबंदी की वजह से घरों की कीमतों में भारी कटौती हुई है। इसके साथ ही गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) और रियल इस्टेट रेगुलेशन एक्ट (RERA) को भी वजह बताया है। नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, घर की कीमतों में हर शहर में तकरीबन 3 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है।

2017 में कम हुई कीमतें

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में नोटबंदी, GST और RERA की वजह से घरों की कीमतों में कटौती दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बड़े शहरों में ये गिरावट 3 फीसदी तक रही। वहीं कई जगहों पर घरों के ये दाम 6 साल के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गए।

सबसे ज्यादा पुणे में हुए सस्ते

इस रिपोर्ट के मुताबिक, घरों की कीमतें सबसे ज्यादा पुणे शहर में कम हुई और यहां पर प्रॉपर्टी की कीमतों में 7 फीसदी की कमी आई। इसके बाद मुंबई दूसरे नंबर पर रहा और यहां पर 5% तक गिरावट दर्ज हुई। जबकि दिल्ली-एनसीआर में घरों के दाम 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई और 2017 में यहां घरों की कीमतें 2% तक कम हुई।

इसलिए कम हुई कीमतें

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, घरों की कीमतों में आई गिरावट के पीछे इसकी कम डिमांड रही। रिपोर्ट के मुताबिक, बैंग्लोर में सबसे ज्यादा 26% घरों की बिक्री गिरी। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में ये गिरावट 6% और चेन्नई में 20% तक रही। हालांकि, मुंबई और पुणे में घरों की डिमांड बाकी शहरों के मुकाबले अच्छी रही। नाइट फ्रैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक, RERA को महाराष्ट्र में सही तरीके से लागू किया गया, जिसकी वजह से इन दोनों शहरो में डिमांड बढ़ी। इसकी वजह से मुंबई में बिक्री 3% तक और पुणे में 5% तक बढ़ी।

कम प्रोजेक्ट भी हुए लॉन्च

साल 2017 में नई प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट के लॉन्चिंग में भी कमी देखने को मिला, जिसका सीधा-सीधा असर रियल इस्टेट सेक्टर पर पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में नई प्रॉपर्टी की लॉन्चिंग में 56 फीसदी की कमी आई, वहीं बैंग्लोर में ये कमी 41 फीसदी रही।

सस्ते घरों पर ज्यादा ध्यान

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2017 में सस्ते घरों को बनाने में ज्यादा ध्यान दिया गया और ये संख्या 2016 के मुकाबले काफी बढ़ी गै। 2016 में जहां 53 फीसदी सस्ते घरों को लॉन्च किया गया था, वहीं 2017 में ये 83% सस्ते घर बनाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, डेवलपर्स ने ऐसे घर बनाने पर फोकस किया, जो 50 लाख रुपए की कीमतों के ब्रैकेट में आती है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि सस्ते घरों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार लोन दे रही है। 
 

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