विलफुल डिफॉल्टरों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लगाई 92 हजार करोड़ की चपत

विलफुल डिफॉल्टरों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लगाई 92 हजार करोड़ की चपत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-20 15:22 GMT
विलफुल डिफॉल्टरों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लगाई 92 हजार करोड़ की चपत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वित्त मंत्रालय ने बैंकों के कर्ज से संबंधित कुछ आंकड़े पेश किए हैं। जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के अंत तक जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 92,376 करोड़ रुपए का बकाया है। जानबूझकर टैक्स चूक के 8,915 मामलों में से बैंकों ने 32,484 करोड़ रुपए के 1,914 मामलों में FIR दर्ज कराई है।

सबसे ज्यादा SBI बैंक का बकाया

देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले 1,762 कर्जदारों से 25,104 करोड़ रुपये वसूलने हैं। ऐसे कर्जदारों के पास देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कुल फंसे कर्ज का 27 प्रतिशत अकेले SBI को वसूलना है। ये आंकड़े 31 मार्च, 2017 तक के हैं।

दूसरा नंबर है PNB का

जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर फंसे कर्ज के मामलें में पंजाब नेशनल बैंक PNB दूसरें नंबर पर आता है। 1,120 डिफॉल्टर्स के पास बैंक का 12,278 करोड़ रुपये फंसा है। इस तरह ऐसे बकाएदारों के पास सरकारी बैंकों के फंसे कर्ज का 40 प्रतिशत यानी 37,382 करोड़ रुपये इन्हीं दोनों बैंकों के हिस्से का है।

गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के अंत तक यह आंकड़ा 76,685 करोड़ रुपए था। इस तरह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) में 20.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इसी के साथ सालाना आधार पर विलफुल डिफॉल्टरों की संख्या में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। मार्च के अंत तक डिफॉल्टर्स की संख्या बढ़कर 8,915 पर पहुंच गई है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 8,167 थी।

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